नीम एक वृक्ष है जिसका इस्तेमाल प्राचीन काल से औषिधि के रूप में किया जाता रहा है । आयुर्वेद में इसे एक औषधि के रूप में जाना जाता है। नीम में एंटीबायोटिक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते है। नीम स्वाद में भले ही कड़वा हो लकिन अपने ओषिधि गुणों के कारण वह अमृत समान है। इसका वैज्ञानिक नाम Scientific Name Azadirachta Indica अज़दिरचता इंडिका है। इसे रोगो का रामबाण भी कहते है।
नीम के फायदे
- इसमें प्रचुर मात्रा में एंटीबैक्टीरियल ,एंटीफंगल तथा रक्त शुद्धिकरण के गुण पाए जाते हैं।
- यह त्वचा सम्बन्धी विकार को ठीक करने में सहायक है जैसे – सन बर्न ,दाद या खुजली की समस्या ,अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन से त्वचा में होने वाली टैनिंग ,डार्क सर्किल तथा ब्लैक हेड्स आदि।
- इसके तेल का या सरसो क तेल में इसकी पत्तियों को उबालकर सर पर नियमित रूप से मसाज करने से हेयर फॉल ,कम उम्र में बालो का सफेद होना ,डैंड्रफ व् रूखे बालो की समस्या से राहत मिलती है।
- नीम की छाल व पत्तियों को पीसकर लगाने से – फोड़े ,फुंसिया ,छाले आदि में राहत मिलती है।
- इसकी पत्तियों को उबालकर उसके पानी से नहाने से त्वचा के संक्रमण से बचा जा सकता है
- नीम की पत्तियों के बने काढ़े को पीने से इम्युनिटी बढ़ती है।
- इसकी पत्तियों को पीसकर बच्चो को इसका अर्क पिलाने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
- नीम का दातुन नियमित रूप से करने से मुँह की दुर्गन्ध ,दातो को मजबूत व दातो के पायरिया रोग से छुटकारा मिलता है।
- खली पेट नीम की पत्तियों का सेवन रक्त का शुद्धिकरण करता है।
- नीम के तेल को एक दिए में रखकर जलाने से मच्छरों से छुटकारा मिलता है। अनाज को कीड़ो से सुरक्षित रखने के लिए इसकी पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है।
खेती में उपयोग
इसका उपयोग जैविक खाद Organic Fertilizer के रूप में किया जाता है जो फसलों के लिए बहुत ही लाभकारी है।
FAQ :
Q : नीम का वैज्ञानिक नाम क्या है ?
ANS : अज़दिरचता इंडिका (Azadirachta Indica)
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