Sumit Antil Biography in Hindi | सुमित अंतिल का जीवन परिचय

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परिचय :

टोक्यो पैरालंपिक 2021 में भाला फेंक javelin throw पर विश्व रिकॉर्ड बनाने के साथ स्वर्ण पदक जीतने वाले सुमित अंतिल ने भारत को गौरवान्वित किया है। इन्होंने अपने पांचवें थ्रो में 68 .55 मीटर की दूरी पर भाला फेंक कर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया है। सुमित चाहते है कि वह ऐसा रिकॉर्ड बनाएं जो वह खुद भी ना तोड़ पाए। आगे भी मेडल जीतने का उनका लक्ष्य निरंतर बना हुआ है। वह एक पैर से अपंग है, लेकिन उनका हौसला बुलंद है। सुमित को बधाई देने के लिए पूरा देश आगे आ रहा है।

सुमित अंतिल का जीवन परिचय :

नाम सुमित अंतिल
जन्म6 जुलाई 1998
जन्म स्थानहरियाणा ,सोनीपत ,खेवड़ा गांव
माता निर्मला देवी अंतिल ( ग्रहणी )
पितास्वर्गीय राम कुमार अंतिल ( वायुसेना अधिकारी )
कोच वीरेंद्र धनखड़ ,नवल सिंह
खेलजैवलिन थ्रो एथलीट ( भाला फेंक )
राष्ट्रीयताभारतीय
लंबाई6 फुट 2 इंच
उम्र23 वर्ष
गृह नगरसोनीपत, हरियाणा
वैवाहिक स्थिति अविवाहित
शिक्षाकॉमर्स में स्नातक
बहनकिरण अंतिल, सुशीला अंतिल, रेनू अंतिल
वजन68 किलोग्राम
धर्महिंदू
इवेंटपुरुष जैवलिन थ्रो F64

जन्म एवं परिवार :

भारतीय पैरालम्पियन खिलाड़ी सुमित अंतिल का जन्म 6 जुलाई 1998 को हरियाणा के सोनीपत जिले के खेवड़ा गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम स्वर्गीय राम कुमार अंतिल है ,जो वायु सेना में अधिकारी थे। इनकी माता का नाम निर्मला देवी अंतिल है ,जो एक ग्रहणी है। इनकी 3 बहीने किरण अंतिल ,सुशीला अंतिल और रेनू अंतिल हैं। सुमित एक किसान परिवार में पैदा हुए थे। कुछ समय पहले ही उनके पिता का देहांत हो गया। सुमित अंतिल एक दुर्घटना में अपना बाया पैर गवा बैठे ,लेकिन उनका हौसला नहीं टूटा।

शिक्षा :

सुमित अंतिल ने प्रारंभिक शिक्षा सोनीपत से ही पूरी की ,इन्होंने 12वीं की शिक्षा देव ऋषि सीनियर सेकेंडरी स्कूल सोनीपत से प्राप्त की। उसके बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए यह दिल्ली चले गए ,जहां इन्होंने रामजस कॉलेज नई दिल्ली से बीकॉम की डिग्री प्राप्त की। वहीं पर इनकी मुलाकात राजकुमार नामक पैरालंपिक से हुई जिस से प्रेरित होकर इन्होंने पैरालंपिक खेलो का अभ्यास शुरू किया।

सुमित अंतिल का करियर :

सुमित अंतिल ने अपने करियर की शुरुआत 2017 में नितिन जयसवाल की देखरेख में दिल्ली में की। जहा उन्होंने पैरालंपिक खेलों की ट्रेनिंग शुरू की।

जब इनकी मुलाकात जैवलिन के कोच नवल सिंह से हुई तभी सुमित ने जैवलिन में अपना करियर बनाने की सोची। इनके कोच नवल सिंह ने भी इन्हे जैवलिन में करियर बनाने के लिए कहा और इन्हें अभ्यास भी कराया।

इनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अभ्यास के दौरान पटियाला में 66.90 मीटर थ्रो था। स्कूली दिनों में सुमित कुश्ती में अपना करियर बनाना चाहते थे और यह योगेश्वर दत्त के फैन भी थे।

वर्ष 2017 में इनके गांव के एक पैरा एथलीट राजकुमार ने सुमित को पैरा एथलीट के बारे में बताया और सुमित को पैरा एथलेटिक्स खेल में जाने के लिए प्रेरित किया। सुमित ने अपने कोच नवल सिंह से पैरा एथलेटिक्स खेलों का अभ्यास करना शुरू कर दिया।

सुमित को शुरुआत में काफी परेशानी हुई ,क्योंकि व्यायाम और अभ्यास के दौरान अत्यधिक गर्मी होने से उनके कृतिम पैर से खून आ जाता था। लेकिन फिर भी सुमित ने हार नहीं मानी और अभ्यास निरंतर करते रहे।

इसके बाद उन्होंने वर्ष 2019 में दुबई में आयोजित विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अपना पहला रजत पदक जीत लिया और 62.88 मीटर की दूरी का भाला फेंक कर अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया।

दुबई में अपना हुनर दिखाते हुए 2020 ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई किया और टोक्यो पैरालंपिक 2021 में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीत लिया।

सुमित ने अपने निजी रिकॉर्ड और एक ही गेम में तीन बार विश्व रिकॉर्ड तोड़ा तो इतिहास रच दिया। इन्होंने अपने पांचवे थ्रो में 68.55 मीटर की दूरी पर भाला फेंक कर एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया।

सुमित अंतिल के विकलांग होने की घटना :

5 जनवरी 2015 को सुमित 12वीं की क्लास का ट्यूशन पढ़कर घर आ रहे थे ,तभी अचानक सीमेंट से भरे हुए एक ट्रैक्टर ट्रॉली ने उन्हें टक्कर मार दिया और उनका बाया पैर ट्रैक्टर के पहिए के नीचे आ गया। जिस कारण सुमित का बाया पैर बुरी तरह घायल हो गया।

उनकी जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने उनका पैर काट दिया। उनकी मां ने उन्हें एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती किया और उनके पैर पर एक नकली फ्रेम लगवाया ,जिससे सुमित चल फिर सकते हैं।

इस घटना से सुमित और उनका परिवार बहुत ही आहत हुए ,लेकिन सुमित ने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत, लगन और अपने अभ्यास से आज देश का नाम रोशन किया है और स्वर्ण पदक जीत लिया है। हम उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं, कि वे आगे भी देश को पदक दिलाएंगे।

सुमित अंतिल द्वारा जीते गए पदक :

वर्ष आयोजन स्थलप्रतियोगितापदक
2019दुबई विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप रजत पदक
2019पेरिसपेरिस ओपन हेंडीस्पोर्टरजत पदक
2019इटलीविश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स चैंपियनशिपरजत पदक
2020-21टोक्योग्रीष्मकालीन पैरालंपिकस्वर्ण पदक

सुमित अंतिल को दिए गए सम्मान :

2019 में गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन ने सुमित को प्रेरित करने व वित्तीय सहायता देने हेतु पैरा चैंपियंस कार्यक्रम में शामिल करने का फैसला लिया।

टोक्यो पैरालंपिक 2020-21 मैं सुमित अंतिल ने स्वर्ण पदक जीता :

टोक्यो पैरालंपिक में सुमित ने अपने पहले ही प्रयास में 66.95 मीटर ,दूसरे प्रयास में 68.08 मीटर ,तीसरे प्रयास में 65 मीटर ,चौथे प्रयास में 66.71 मीटर तथा पांचवें प्रयास में 68.55 मीटर जैवलिन थ्रो किया था। सुमित के पांचवें प्रयास में ही पता चल गया था कि वे स्वर्ण पदक जीतने वाले हैं।

इन्होंने छठे प्रयास में थ्रो कम होने के कारण उसे फाउल कर दिया था। इनका अगला लक्ष्य है कि यह ऐसा रिकॉर्ड बनाए जो वे खुद भी ना तोड़ पाए और इनका लक्ष्य अगले वर्ष चीन में एशियन चैंपियनशिप और लंदन विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतना है। और 75 मीटर से अधिक थ्रो करना है।

इन्होंने अपना स्वर्ण पदक अपनी मां को समर्पित किया है। क्योंकि उनका कहना है कि स्वर्ण जैसे अनेकों पदक मां के चरणों में समर्पित करने पर भी उनके एहसानों को नहीं तारा जा सकता।

सुमित अंतिल ने टोक्यो पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन कर दिया है।

FAQ :

Q – सुमित अंतिल कौन है ?

ANS – सुमित अंतिल एक पैरालंपिक भाला फेंक एथलीट हैं।

Q – सुमित अंतिल का जन्म कब और कहां हुआ ?

ANS – 6 जुलाई 1998,हरियाणा ,सोनीपत ,खेवड़ा गांव

Q – सुमित अंतिल के माता पिता का नाम क्या है ?

ANS – पिता का नाम स्वर्गीय राम कुमार अंतिल और माता निर्मला देवी अंतिल है।

Q – सुमित अंतिल के कोच का नाम क्या है ?

ANS – नवल सिंह ,वीरेंद्र धनखड़।

Q – सुमित अंतिल ने टोक्यो पैरालंपिक मैं कौन सा पदक जीता ?

ANS – स्वर्ण पदक

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