SUHAS L YATHIRAJ BIOGRAPHY IN HINDI | सुहास एल यतिराज ,पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी का जीवन परिचय

Social Share

सुहास एल यतीराज का जीवन परिचय ,भारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी ,आईएएस रैंक के डीएम नोएडा, वाइफ, फैमिली ,डिसएबिलिटी [ SUHAS l YATHIRAJ BIOGRAPHY IN HINDI ] ( Indian Paralympic badminton player , IAS rank DM of Noida ,wife ,family, disability )

परिचय :

गौतमबुध नगर ,नोएडा के जिला अधिकारी DM सुहास यतिराज टोक्यो पैरालंपिक 2021 में रजत पदक जीतने वाले पहले आईएएस अधिकारी बन गए हैं। सुहास यतीराज भारत के एक पैरा बैडमिंटन एथलीट है। इन्होंने बैडमिंटन में भारत के लिए तीसरा पदक जीता है। यह यूपी के कैडर 2007 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।

सुहास 6 साल से बैडमिंटन में कड़ी मेहनत कर रहे थे और इनका सपना था कि पैरालंपिक में भारत के लिए खेलना। इन्होंने पुरुष एकल में दुनिया में नंबर दो पर स्थान बनाया है। यह बचपन से ही दाहिने पैर से विकलांग है ,लेकिन इनकी कड़ी मेहनत से इन्होने देश के लिए रजत पदक जीता और भारत को गौरवान्वित किया है। यह एक सर्वश्रेष्ठ जिलाधिकारी भी है।

सुहास प्रयागराज ,आजमगढ़ ,जौनपुर ,सोनभद्र ,महाराजगंज और हाथरस के डीएम भी रह चुके हैं।

सुहास एल यतिराज का जीवन परिचय :

पूरा नाम सुहास लालिनाकेरे यतिराज
जन्म2 जुलाई 1983
जन्म स्थानकर्नाटक (हासन)
माताजयश्री सी एस
पितादिवंगत यतीराज एल (सरकारी कर्मचारी )
भाई – बहनशरथ एल वाई
पत्नीऋतु सुहास एडीएम (गाजियाबाद में )
बच्चेबेटी सानवी ,बेटा विवान
पेशाभारतीय पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी
उम्र38 वर्ष
राष्ट्रीयताभारतीय
हाइट5 fit , 9 inch
वेट61 kg
कोचगौरव खन्ना
विवाह की तारीख2008
वर्तमान स्थितिआईएएस रैंक डीएम नोएडा ,गौतमबुध नगर

सुहास का जन्म एवं परिवार Family :

पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास यतीराज का जन्म 2 जुलाई 1983 को कर्नाटक के हासन में हुआ था। इनके पिता का नाम यतीराज एल था ,जिनका 2005 में देहांत हो गया है। इनकी माता का नाम जयश्री सी एस है। इनके भाई -बहन का नाम शरथ एल वाई है।

इनके पिता सरकारी कर्मचारी थे, जिस वजह से उनका ट्रांसफर होते रहता था और सुहास यतीराज को कई जगह घूमना पड़ा।

2008 में इन्होंने ऋतु सुहास से विवाह कर लिया और इनकी दो संताने हुए। बेटी सानवी और विवान बेटा। इनकी पत्नी वर्तमान में गाजियाबाद में एडीएम प्रशासन पद पर सेवारत हैं।

सुहास यथिराज जन्म से ही दाहिने पैर से विकलांग थे ,लेकिन इनके परिवार ने इनके हौसलों को टूटने नहीं दिया। यह अपने पिता को ही खेल के प्रति इनका रुझान बढ़ाने के लिए श्रेय देते हैं। इनके पिता ने उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी थी।

शिक्षा :

सुहास ने अपनी शुरुआती शिक्षा कर्नाटक के हासन जिले के पास डुड्डा गांव में पूरी की। उसके बाद माध्यमिक शिक्षा डीवीएस स्वतंत्र कॉलेज शिवमोग्गा कर्नाटक से पूरी की।

उसके बाद सूरथकल शहर से उन्होंने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में प्रथम स्थान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उसके बाद बेंगलुरु की एक कंपनी में जॉब की लेकिन यह आगे बढ़ना चाहते थे। उसी समय 2005 में इनके पिता की मृत्यु हो गई।

उसके बाद इन्हें बहुत बड़ा झटका लगा। लेकिन इन्होंने समाज के लिए कुछ करने की सोची और यूपीएससी की तैयारी में लग गए। 2007 में इन्होंने यूपीएससी में सफलता प्राप्त की और यूपी के डीएम बने। वही इन्होंने बैडमिंटन खेलना शुरू किया। बचपन में इन्हें क्रिकेट खेलना बहुत पसंद था।

करियर :

2007 में यूपी केडर से आईएएस अधिकारी बनने के बाद उन्हें तेज तरार अधिकारी का दर्जा प्राप्त हुआ। उसके बाद भी वे और आगे बढ़ना चाहते थे और अपनी थकान दूर करने के लिए बैडमिंटन खेलते थे। जैसे ही कुछ प्रतियोगिताओं में मेडल जीतने लगे तो उन्होंने इस खेल को अपना करियर बना लिया।

2016 में इन्होंने इंटरनेशनल मैच खेलना शुरू किया। अपना पहला मैच चाइना में बैडमिंटन टूर्नामेंट में खेला पर वह हार गए।

उसके बाद 2018 में वाराणसी में आयोजित दूसरी राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में पुरुष एकल वर्ग में गोल्ड मेडल जीत लिया और राष्ट्रीय चैंपियन बन गए।

2018 जकार्ता में पुरुष एशियन पैरा गेम्स में इन्होंने कांस्य पदक जीता। इन्हें हाई स्कूल में क्रिकेट में ऑलराउंडर का खिताब भी मिला।

टोक्यो ओलंपिक 2021 में सुहास ने पैरा बैडमिंटन में भारत को रजत पदक दिलाया।

यह भगवान हनुमान के भक्त हैं ,जब भी मैच खेलने जाते हैं तो हनुमान जी की मूर्ति भी साथ ले जाते हैं। यह कहते हैं कि भगवान के साथ होने से उन्हें ताकत और आत्मविश्वास मिलता है।

सुहास की पत्नी/Wife का परिचय :

सुहास ने 2008 में ऋतु सुहास से विवाह कर लिया। इनकी पत्नी वर्तमान में यूपी ,गाजियाबाद में एडीएम प्रशासन के पद पर कार्यरत हैं। इनकी पत्नी भी 2004 बैच की पीसीएस अधिकारी हैं। 2019 में इन्होंने मिसेज इंडिया का खिताब जीता था। यह शादी से पहले मॉडलिंग भी करती थी।

ऋतु सुहास ने बताया कि एक समय ऐसा था जब उनके पास कोचिंग और अखबार के लिए पैसे तक नहीं हुआ करते थे। उन्होंने अपनी सहेली के नोट्स के माध्यम से सेल्फ स्टडी करके पीसीएस में कामयाबी हासिल की थी। इनकी पत्नी को भी अपने पति सुहास यतीराज पर गर्व है ,कि वह भारत के लिए पैरालंपिक में रजत पदक जीते हैं। जब सुहास पीसीएस की परीक्षा पास करके पहली पोस्टिंग आगरा में गए ,तभी इनकी मुलाकात रितु से हुई और बाद में शादी भी कर ली।

डिसएबिलिटी /disability :

सुहास यतीराज जन्म से ही दाहिने पैर से अपंग थे ,लेकिन उनके पिता ने उनका हौसला टूटने नहीं दिया और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

टोक्यो पैरालंपिक 2021 में सुहास यतीराज का प्रदर्शन :

टोक्यो पैरालंपिक 2021 में बैडमिंटन खिलाड़ी और नोएडा के आईएएस डीएम सुहास एल यतीराज ने सिल्वर मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। इन्होंने पुरुष सिंगल्स के SL4 इवेंट के फाइनल मुकाबले में पहुंच कर फ्रांस के शीर्ष वरीयता प्राप्त लुकास मजूर खिलाड़ी के साथ मुकाबला किया।

जिसमें इन्होंने रजत पदक जीत लिया। यह मुकाबला 21-15 ,17-21 ,15-21 से हुआ। इन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने बधाइयां दी। पूरे देश को इन पर गर्व है। इन्होंने कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी मेडल जीते हैं। हम इनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं कि ये भविष्य में भारत के लिए और भी पदक जीतेंगे और एक श्रेष्ठ जिला अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे।

सम्मान एवं पुरस्कार :

  • दिसंबर 2016 में उत्तर प्रदेश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान यश भारती से सुहास को सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिला था।
  • उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा 3 दिसंबर को विश्व विकलांग दिवस पर इन्हें पैरा स्पोर्ट्स में इनके प्रदर्शन के लिए पुरस्कार दिया गया।
  • उत्तर प्रदेश के राज्यपाल द्वारा इन्हें चुनाव से संबंधित कर्तव्यों के लिए सम्मानित किया गया।
  • इन्हें पैरा चैंपियंस प्रोग्राम के गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन का भी समर्थन प्राप्त है।
  • 6 जनवरी 2017 को लखनऊ में प्रीमीयर बैडमिंटन लीग में भारतीय बैडमिंटन संघ द्वारा इन्हें स्मृति चिन्ह दिया गया।
  • 29 अगस्त 2017 को खेल दिवस के दिन इन्हें देश के लिए अंतरराष्ट्रीय पदक जीतने पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुरस्कृत किया गया।
  • आजमगढ़ के डीएम के रूप में इन्हें सिविल सेवा दिवस 2016 को प्रधानमंत्री जन धन योजना में अनुकरणीय कार्य हेतु प्रधानमंत्री पुरस्कार हेतु चुना गया।

सुहास को प्राप्त पदक :

वर्ष आयोजन स्थलप्रतियोगिता पदक
2018वाराणसी राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप पुरुष एकल वर्ग स्वर्ण
2018जकार्ता पुरुष एशियन पैरालंपिक गेम्सकांस्य
2021टोक्योपैरालंपिक गेम्सरजत

FAQ :

Q – सुहास यतिराज कौन है ?

ANS – नोएडा के गौतमबुद्ध नगर के आईएएस रैंक के डीएम और टोक्यो पैरालंपिक 2021 बैडमिंटन खेल में रजत पदक विजेता है।

Q – सुहास यतिराज के माता पिता का नाम क्या है ?

ANS- पिता का नाम यतीराज एल , माता का नाम जयश्री सी एस है।

Q – सुहास यतिराज की पत्नी का नाम क्या है ?

ANS – इनकी पत्नी का नाम रितु सुहास है ,जो वर्तमान में गाजियाबाद में एडीएम के पद पर कार्यरत हैं ,यह एक पीसीएस अधिकारी है।

Q – सुहास यतीराज की डिसएबिलिटी क्या है ?

ANS – ये जन्म से दाहिने पैर से विकलांग हैं।

Q – सुहास यतीराज का जन्म कब और कहां हुआ था ?

ANS – जन्म 2 जुलाई 1983 को कर्नाटक के हासन में हुआ था।

Q – सुहास यतिराज का पूरा नाम क्या है ?

ANS – सुहास लालिनाकेरे यतिराज।

अन्य पोस्ट पढ़ें :

1 – कृष्णा नागर भारती पैरा- बैडमिंटन खिलाड़ी का जीवन परिचय

2 – सुमित अंतिल पैरालंपिक भाला फेंक खिलाड़ी का जीवन परिचय

3 -अवनी लखेरा भारतीय महिला पैरालंपिक शूटर का जीवन परिचय

4 -प्रमोद भगत भारतीय पैरालंपिक बैडमिंटन खिलाड़ी का जीवन परिचय

5 – साइखोम मीराबाई चानू का जीवन परिचय


Social Share

Leave a Comment

IPL : 2023 रिंकू सिंह ने अपनी बैटिंग से जीता सबका दिल WPL का पहला अर्धशतक बनाया हरमनप्रीत ने अमरजीत की चमकी किस्मत सोनू सूद ने बुलाया मुंबई अश्विन बने भारत के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज भारत की धाकड़ गेंदबाज है रेणुका ठाकुर WPL 2023 : भारतीय महिला क्रिकेटरों पर लगी करोड़ों की बोली T20 में शतक जड़ने वाले भारतीय बल्लेबाज की लिस्ट शुभमन गिल ने लगाया शानदार शतक