मन्नू भंडारी हिंदी की एक कहानीकार और उपन्यासकार थी। इनका जन्म मध्यप्रदेश में हुआ था वह हिंदी की एक श्रेष्ठ लेखिकाओं में से एक थी। उन्होंने मैं हार गई , आपका बंटी और महाभोज जैसी सशक्त कृतियों के माध्यम से हिंदी साहित्य जगत में अपना एक अलग स्थान बनाया है । 15 नवंबर को 90 वर्ष की आयु में उन्होंने गुरुग्राम के डीएलएफ स्थित नारायण अस्पताल में अंतिम सांस ली ।
मन्नू भंडारी का जीवन परिचय
नाम (Name) | मन्नू भंडारी (Mannu Bhandari) |
बचपन का नाम | महेंद्र कुमारी |
जन्म | 3 अप्रैल 1931 |
जन्म स्थान | भानपुरा (मध्य प्रदेश) |
उम्र | 90 वर्ष |
पिता | सुखसंपत राय भंडारी |
व्यवसाय | लेखक / कहानीकार |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पति (Husband) | राजेंद्र यादव (साहित्यकार) |
विवाह वर्ष | 1959 |
बेटी | रचना यादव |
धर्म | हिंदू |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
मृत्यु | 15 नवंबर 2021 |
मन्नू भंडारी जन्म ,परिवार ,शिक्षा
भंडारी का जन्म 3 अप्रैल 1938 को मध्यप्रदेश के भानपुरा में हुआ था । उनके बचपन का नाम महेंद्र कुमारी था , इनके पिता का नाम सुख संपत राय भंडारी था , जो एक स्वतंत्र सेनानी और सामाजिक कार्यकर्ता थे। मन्नू अपने माता-पिता की पांच संतानों में से सबसे छोटी थी परिवार में वे दो भाई और तीन बहने थी। इनका विवाह 1959 में साहित्यकार राजेंद्र यादव से हुआ ।
मन्नू ने अपने शुरुआती शिक्षा अजमेर राजस्थान से संपन्न की । इसके आगे की शिक्षा के लिए भी कोलकाता चली गई जहां उन्होंने कोलकाता यूनिवर्सिटी से स्नातक किया। साहित्य में रुचि होने के कारण वे हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी गई जहां से उन्होंने हिंदी भाषा और साहित्य में एमए की डिग्री प्राप्त की ।
शैक्षिक करियर
एमए की डिग्री लेने के बाद मन्नू ने हिंदी के प्रोफेसर के रूप में अपने करियर का आगाज किया । वर्ष 1952 – 61 तक मनु भंडारी ने कोलकाता के बालीगंज शिक्षा सदन में अध्यापन कार्य किया । इसके अलावा उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी अध्यापन का कार्य किया। वे विक्रम यूनिवर्सिटी उज्जैन प्रेमचंद्र सृजन पीठ में डायरेक्टर के पद पर भी कार्यरत रही।
साहित्यक करियर
मन्नू भंडारी भारत की प्रमुख लेखिकाओं में से एक हैं। उन्होंने अपनी पहली कहानी ” मैं हार गई ” लिखी। इसके साथ एक बेहद दिलचस्प किस से जुड़ा हुआ है । दो आरंभिक कहानियों के साथ उनका कोई चित्र प्रकाशित नहीं हुआ था , उनके नाम से यह स्पष्ट नहीं होता कि वह महिला है या पुरुष । मन्नू भंडारी ने लिखा की उनकी आरंभिक कहानियां पर जो प्रतिक्रियाएं आई वह प्रिय भाई के संबोधन से शुरू होती थी । इससे एक संतोष भी होता था की कहानी की प्रशंसा एक लड़की होने के नाते नहीं हुई है ।
इसके अलावा मन्नू सबसे ज्यादा अपनी दो उपन्यासों के कारण प्रसिद्ध हुई थी। इनका पहला उपन्यास जो था उसका नाम आपका बंटी और दूसरा महाभोज था । आपका बंटी उपन्यास मन्नू भंडारी के द्वारा लिखा गया एक ऐसा उपन्यास था ,जो हिंदी के सफलतम उपन्यासों में गिना जाता है । उपन्यास के साथ-साथ उन्होंने कई नाटक भी लिखे। उनके प्रसिद्ध नाटकों में से एक बिना दीवारों का घर था । जो विवाह विच्छेद की त्रासदी में पीस रहे एक बच्चे को केंद्रित करके लिखा गया नाटक था ।
भंडारी ने अपने पति राजेंद्र यादव के साथ मिलकर भी एक उपन्यास लिखा था जिसका नाम एक इंच मुस्कान है।
मन्नू भंडारी की प्रमुख रचनाएं
कहानी संग्रह ..
1 – मैं हार गई (1957) |
2 – एक प्लेट सैलाब ( 1962 ) |
3 – तीन निगाहों की एक तस्वीर |
4 – यही सच है (1966) |
5 – त्रिशंकु |
6 – आंखों देखा झूठ |
7 – अकेली |
उपन्यास
1 – इंच मुस्कान |
2 – आपका बंटी |
3 – महाभोज (1979) |
4 – स्वामी |
5 – एक कहानी यह भी |
पटकथा
1 – निर्मला |
2 – रजनीगंधा |
3 – दर्पण |
नाटक
- बिना दीवारों का घर (1966)
- महाभोज का नाट्य रूपांतरण (1983)
पुरस्कार
- शिखर सम्मान (हिंदी अकादमी दिल्ली)
- भारतीय भाषा परिषद कोलकाता सम्मान
- उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान पुरस्कार
- भारतीय भाषा परिषद कोलकाता 1982
- कालाकुंज सम्मान नई दिल्ली (1982)
- बिहार राज्य भाषा परिषद (1991)
- महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी 2004
- राजस्थान संगीत नाटक अकादमी
- व्यास सम्मान (2008)
FAQ :
Q : मन्नू भंडारी का जन्म कब और कहां हुआ था ?
ANS : 3 अप्रैल 1931
Q : मन्नू भंडारी के पति का क्या नाम है ?
ANS : राजेंद्र यादव
Q : मन्नू भंडारी का मूल नाम क्या है ?
ANS : महेंद्र कुमारी
Q : मन्नू भंडारी की मृत्यु कब हुई ?
ANS : 15 नवंबर 2021 को 90 वर्ष की आयु में उन्होंने गुरुग्राम के डीएलएफ स्थित नारायण अस्पताल में अंतिम सांस ली ।
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