देवेंद्र झाझरिया का जीवन परिचय, पैरालंपिक खिलाड़ी, पद्मभूषण से सम्मानित, जन्म, परिवार, उम्र, भारतीय पैरालंपिक भाला फेंक ( जेवलिन थ्रो ) खिलाड़ी, मेडल [Devendra Jhanjhariya Biography in Hindi] (Paralympic Player, Padma Bhushan Awarded, Birth, Family, Age, Javelin Throw Player, Medal)
देवेंद्र झाझरिया भारत के भाला फेंक पैरा एथलीट है । ये भारतीय रेलवे के पूर्व कर्मचारी है और वर्तमान में भारतीय खेल प्राधिकरण के साथ कार्यरत है । अगर पैरालंपिक खेलों की बात करे तो देवेंद्र झाझरिया ने 2016 में ब्राजील में आयोजित रियो पैराओलंपिक खेल में स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही अब तक दो पैरालंपिक गोल्ड जीते है । इनका बायां हाथ नहीं है उसके बावजूद भी इन्होने भारत को टोक्यो पैरालंपिक 2020 में रजत पदक जीताया ।
देवेंद्र को बचपन से ही भाला फेंकने का शौक था और यह अपने इस शौक को पूरा करने के लिए लकड़ी की भाले से ही अभ्यास किया करते थे क्योंकि इनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी । एक बार इन्हें किसी खेल प्रेमी ने 75 हजार रुपए पुरस्कार स्वरूप दिए थे , जिससे इन्होंने अपने लिए एक उच्च स्तरीय भाला खरीदा और अपने करियर की शुरुआत की ।
ये मिल्खा सिंह को रोल मॉडल मानते थे , क्योंकि यह सोचते थे कि जब मिल्खा सिंह के पास जूते ना होकर भी वे कई मेडल जीत सकते हैं तो मैं क्यों नहीं जीत सकता । इसी जजबे को कायम रखते हुए उन्होंने अपने करियर को ऊंचाई पर पहुंचाया ।
देवेंद्र झाझरिया का जीवन परिचय :
नाम (Name) | देवेंद्र झाझरिया (Devendra Jhajharia) |
जन्म (Birth) | 10 जून 1981 |
जन्म स्थान (Birth Place) | चूरू (राजस्थान ) |
उम्र (Age) | 40 वर्ष |
माता (Mother’s Name) | जीवनी देवी झाझरिया |
पिता (Father’s Name) | राम सिंह झाझरिया |
भाई (Brother) | अरविन्द , प्रदीप |
पत्नी (Wife) | मंजू ( राष्ट्रीय स्तर की कबबडी खिलाड़ी ) |
बेटा (Son) | काव्यान |
बेटी (Daughter) | जिया |
कोच (Coach) | आर डी शर्मा ,आर डी सिंह , सुनील तवर ( 2015 से ) |
शिक्षा (Education) | ग्रेजुएट |
खेल (Sport) | भाला फेंक (जेवलिन थ्रो) |
प्रतिस्पर्धा (Event) | F 46 जेवलिन थ्रो |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
विवाह तारीख | 2007 |
ट्रेनर (Trainer) | लक्ष्य बत्रा |
लंबाई (Height) | 1.83 मीटर |
वजन (Weight) | 80 KG |
जाति (Caste) | जाट |
धर्म (Religion) | हिन्दू |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
अवार्ड्स AWARDS | पदम् श्री अर्जुन अवार्ड राजीव गाँधी खेल रत्न |
देवेंद्र झाझरिया का जीवन परिचय ,जन्म एवं परिवार :
देवेंद्र झाझरिया राजस्थान के एक छोटे से गांव झाझारियन की धानी जो चूरू जिले में स्थित है में 10 जून 1981 को हुआ था । इनके पिता का नाम राम सिंह झाझरिया है जो एक किसान है । इनकी माता का नाम जीवनी देवी है जो एक गृहणी है । इनके दो भाई अरविन्द , प्रदीप है , इनकी पत्नी का नाम मंजू है जो एक राष्ट्रीय स्तर की कब्बडी खिलाड़ी रह चुकी है इसके आलावा इनके एक पुत्र और एक पुत्री भी है जिनका नाम काव्यान ,जिया है ।
शिक्षा (Education)
इनकी प्रारंभिक शिक्षा इनके गांव झाझारियन राजस्थान से हुई। इसके आगे की पढ़ाई के लिए इनके कोच ने इनकी आर्थिक मदद की और इन्होंने 2001 में अजमेर यूनिवर्सिटी से स्नातक किया। इसके बाद इन्होंने नेहरू कॉलेज में आगे की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया।
देवेंद्र झाझरिया का करियर :
इन्होने स्कूली शिक्षा के दौरान ही दो मेडल जीते थे , पैरा चैंपियन कार्यक्रम के माध्यम से ये गो स्पोर्ट्स फाउंडेशन से भी जुड़े है ।
देवेंद्र ने पहली बार 1995 में आयोजित नेशनल पैरा एथलीट खेलों में भाग लिया था और अपना पहला मेडल भी जीता ।
2002 में दक्षिण कोरिया में 8वी FESPIC खेलों में इन्होने पहला स्वर्ण पदक जीता ।
2004 में पैरालंपिक खेलों का आयोजन एथेंस में किया गया था । यहां पहली बार देवेंद्र को भारत का प्रतिनिधि करने का मौका मिला था , उन्होंने इस मौके का फायदा उठाते हुए शानदार प्रदर्शन किया । यहां देवेंद्र ने पुरुषों की भाला फेंक की F42-46 स्पर्धा में अपना पुराना रिकॉर्ड 59.7 मीटर को पीछे छोड़ते हुए 62.15 का नया रिकॉर्ड बना दिया और गोल्ड मेडल जीता । यह इनका पहला पैरालंपिक गोल्ड था और वह भारत के लिए गोल्ड जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी बने इससे पहले पैरालंपिक में मुरलीकांत पेटकर ने भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल जीता था । एथेंस में गोल्ड मेडल जीतने का श्रेय इन्होंने अपने कोच आरडी सिंह को दिया ।
2013 में लियोन में आयोजित आईपीसी वर्ल्ड चैंपियनशिप में इन्होने पुरुषों की भाला फेंक F46 स्पर्धा में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता ।
2014 में दक्षिण कोरिया के इस जीवन में आयोजित एक्शन पैरा खेलों में इन्होंने रजत पदक जीता ।
2015 में दोहा में वर्ल्ड चैंपियनशिप में इन्होने पुरुषों की भाला फेंक F46 स्पर्धा में उन्होंने रजत पदक जीता ।
2016 में ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक खेलों का आयोजन ब्राजील की राजधानी रियो डी जेनेरो में हुआ था जहां इन्होंने अपने करियर का दूसरा स्वर्ण पदक जीता ।
टोक्यो पैरालंपिक 2020 में इन्होंने रजत पदक जीता ।
देवेंद्र झाझरिया के कोच :
एक स्कूल में खेलों के आयोजन में इनकी प्रतिभा की पहचान इनके कोच आर डी शर्मा ने की थी। इन्होने ही देवेंद्र को खेल के लिए प्रेरित किया और तैयारी प्रारम्भ कराई। देवेंद्र ने कोच आरडी शर्मा से अपने करियर के शुरुआती दौर में भाला फेंक खेल की बारीकियों को सीखा। इनके अन्य कोचों में आरडी सिंह और सुनील तंवर है जिन्होंने इनके करियर को तराशा सुनील तवर 2015 से इनके कोच हैं।
देवेंद्र झाझरिया की पत्नी (Devendra Jhajharia Wife)
इनका विवाह 2007 में राजस्थान के राजगढ़ के गांव चिमनपुरा निवासी मंजू से हुआ था । इनकी पत्नी मंजू राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी खिलाड़ी रह चुकी है । इनके दो बच्चे हैं । देवेंद्र के करियर को आगे बढ़ाने में इनकी पत्नी मंजू ने बहुत सहयोग किया ।
टोक्यो ओलंपिक 2020 में देवेंद्र झाझरिया का प्रदर्शन :
देवेंद्र ने टोक्यो पैरालंपिक में पुरुषों की जैवलिन थ्रो F46 स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन करते हुए 64.35 मीटर का भाला फेंक कर रजत पदक अपने नाम किया। इससे पहले इन्होने 65.71 मीटर दूरी का भाला फेंककर टोक्यो पैरालंपिक 2020 के लिए क्वालीफाई किया था।

देवेंद्र झाझरिया डिसेबिलिटी (Devendra Jhajharia Disability)
जब देवेंद्र 8 वर्ष के थे तब वे एक पेड़ पर फल तोड़ने के लिए गए । जहां इन्होने बिजली की हाई वोल्टेज तार को छू लिया था जिस वजह से इनका बायाँ हाथ बुरी तरह से जख्मी हो गया था , इलाज दौरान डॉक्टर ने इनका बायाँ हाथ काटने के लिए कहा और इनके हाथ को काट दिया गया । यह क्षण इनके और परिवार के लिए बहुत ही दुखदायी था ।
यह एक गरीब परिवार से थे इनके पिता को इनसे बहुत उमीदें थी । देवेंद्र के जीवन में इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी उनका हौसला नहीं टूटा उन्होंने अपने कमजोरी को ही अपनी ताकत बना लिया । जिसकी बदौलत वे आज इस मुकाम पर पहुंच गए है की पूरा देश उनकी इस उपलब्धि पर गर्व कर रहा है । वे देश के युवाओं और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए प्रेरणा बन गए है ।
पुरस्कार (Awards)
- अर्जुन अवार्ड – 2004
- पदम् श्री – 2012 ” पहले पैरालंपिक खिलाड़ी बने जिन्हें यह पुरस्कार मिला ”
- 2014 में FICCI पैरा खिलाड़ी स्पोर्ट्समेन ऑफ द ईयर का खिताब मिला।
- 2005 में राजस्थान सरकार द्वारा देवेंद्र झाझरिया को महाराणा प्रताप पुरस्कार से सम्मानित किया गया । खेलो उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राजस्थान सरकार द्वारा दिया जाने वाला यह सबसे बड़ा अवार्ड है। इस पुरस्कार के तहत इन्हे 10 हजार का नगद पुरस्कार दिया गया ।
- 2017 में राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार से इन्हे सम्मानित किया गया ।
- 2016 में जीक्यू मैक्जीन में बेस्ट प्लेयर से नवाजा गया।
- वर्ष 2022 में पैरालंपिक खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया।

सोशल मीडिया (Social media)
FAQ :
Q : देवेंद्र झाझरिया कौन सा खेल खेलते हैं ?
Ans : भाला फेंक ( जेवलिन थ्रो JAVELINE THROW )
Q : देवेंद्र झाझरिया का जन्म कब हुआ ?
Ans : 10 जून 1981
Q : देवेंद्र झाझरिया किस राज्य से है ?
Ans : राजस्थान
Q : देवेंद्र झाझरिया ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में कौन सा पदक जीता ?
Ans : टोक्यो पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए 64.35 मीटर का भाला फेंक कर रजत पदक अपने नाम किया।
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