अवनी लखेरा का जीवन परिचय,पैरालंपिक खिलाड़ी,पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित,परिवार ,उम्र | Avni Lakhera Biography in hindi

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अवनी लखेरा का जीवन परिचय,पैरालंपिक खिलाड़ी,पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित,परिवार ,उम्र, टोक्यो पैरालंपिक 2020 में स्वर्ण पदक विजेता ,महिला शूटर ,निशानेबाज,इंस्टाग्राम ,माता ,पिता ,सर्वश्रेष्ठ महिला पदार्पण सम्मान 2021, [ Avni Lakhera biography in Hindi ] ( Paralympic player, Padma Shri awardee, family, age, gold medalist in Tokyo Paralympics 2020, female shooter, shooter, Instagram, mother, father, Best Female Debut Award 2021,)

परिचय :

अवनी लखेरा एक पैरालम्पियन है। इन्होंने टोक्यो पैरालंपिक 2020 में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग क्लास SH1 में स्वर्ण पदक जीता और देश का नाम रोशन किया है। ऐसा करने वाली यह भारत की पहली महिला बन गई हैं। अवनी लखेरा पैरा राइफल शूटर हैं ,इन्हें गोल्डन गर्ल भी कहा जा रहा है। ये विकलांग है और अभिनव बिंद्रा की बायोग्राफी पढ़कर प्रेरित हुई और तभी से इन्होंने अपना करियर शुरू किया।

अवनी लखेरा का जीवन परिचय :

नाम अवनी लखेरा
जन्म8 नवंबर 2001
जन्म स्थानजयपुर (राजस्थान)
माता श्वेता लखेरा
पिताप्रवीण कुमार लखेरा
पेशापैरा एयर राइफल शूटर (निशानेबाज)
राष्ट्रीयताभारतीय
शिक्षास्नातक
जातिराजपूत
धर्महिंदू
कोच सुभाष राणा ,चंदन सिंह ,जेपी नौटियाल, सुमन सिद्धार्थ
उम्र19 वर्ष
वजन55 किग्रा
हाइट5.2 फीट
प्रतिस्पर्धा10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग sh1
वर्तमान कोचगीता शंकर ( टोक्यो पैरालंपिक 2021)
उपलब्धिटोक्यो पैरालंपिक 2021 में स्वर्ण पदक
वैवाहिक स्थितिअविवाहित
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अवनी लखेरा का जीवन परिचय,जन्म एवं परिवार :

अवनी लखेरा का जन्म 8 नवंबर 2001 को जयपुर (राजस्थान) में हुआ था। उनके पिता का नाम प्रवीण लखेरा और माता का नाम श्वेता लखेरा है। इनके पिता रेवेन्यू विभाग में आरएएस के पद पर गंगानगर में कार्यरत हैं। इनके माता-पिता ने ही इन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी ,जिस कारण आज वे भारत को स्वर्ण पदक जीताने में कामयाब हुई।

विकलांग होने की घटना :

इनके पिता ने बताया कि जब यह 11 वर्ष की थी तो ,वर्ष 2012 में अवनी और उनके पिता धौलपुर जा रहे थे ,रास्ते में एक्सीडेंट होने से दोनों घायल हो गए ,इनके पिता तो कुछ समय बाद ठीक हो गए लेकिन अवनी को रीड की हड्डी में चोट लगने से 5 महीने हॉस्पिटल में ही बेड रेस्ट करना पड़ा। उसके बाद अवनि दोनों पैरों से चलने में असमर्थ हो गई और व्हीलचेयर पर आ गई।

इस घटना से अवनी बहुत टूट गई थी और अपने आप को एक कमरे में बंद कर लिया था। पर इनके माता-पिता ने हार नहीं मानी और इन्हें मोटिवेट करते रहे। इनके पिता ने इन्हें अभिनव बिंद्रा की बायोग्राफी पढ़ने के लिए दी जिससे प्रेरित होकर अवनी ने निशानेबाजी में अपने करियर की शुरुआत की। ये अभिनव बिंद्रा को अपना आदर्श मानती है।

शिक्षा :

निशानेबाजी के साथ-साथ अवनी पढ़ाई में भी अव्वल हैं। ये निशानेबाजी के अलावा लॉ की पढ़ाई कर रही हैं और आगे आजेएस सर्विस में जाना चाहती हैं। 2015 में अवनी ने जगतपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में निशानेबाजी की ट्रेनिंग लेना शुरू किया ,उस समय यह विकलांग थी।

करियर :

इन्होंने अभिनव बिंद्रा की बायोग्राफी पढ़कर प्रेरणा ली और पास के ही शूटर सेंटर में ट्रेनिंग शुरू कर दी । 2017 में अवनी ने पहले इंटरनेशनल इवेंट में भाग लिया। इन्होंने अपने कोच से राइफल उधार लेकर राजस्थान स्टेट चैंपियनशिप में भाग लिया और गोल्ड मेडल जीता।

2016 में नेशनल चैंपियनशिप में भी मेडल जीता ,यह प्रतियोगिता पूना में हुई थी। इन्होंने 2018 में 61वी नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में भी मेडल जीता।

उसके बाद 2018 में एशियाई पैरा गेम्स R- 2 महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग , R-3 मिक्सड 10 मीटर एयर राइफल प्रोन , R- 6 में भी भाग लिया। मिश्रित 50 मीटर राइफल प्रोन और R- 8 महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 स्थिति (sh-1इवेंट) में भी भाग लिया और मेडल जीते।

इन्होंने कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं जीती ,इसके बाद पैरा चैंपियंस प्रोग्राम के माध्यम से उन्हें गोस्पोर्ट्स द्वारा सम्मानित किया गया।

अवनी लेखरा को दिए गए पुरस्कार और पदक :

1 – महिलाओं की 10 मीटर एयर स्टैंडिंग रियो ओलंपिक 2016 में स्वर्ण पदक।

2 – नेशनल पैरालंपिक शूटिंग चैंपियनशिप 2015 में कांस्य पदक।

3 – यूएई में पैराशूटिंग वर्ल्ड 2017 में रजत पदक।

4 – क्रोएशिया पैराशूटिंग वर्ल्ड 2019 में रजत पदक।

5 – नेशनल पैराशूटिंग चैंपियनशिप 10 मीटर एयर राइफल इवेंट 2021 टोक्यो में पहला स्वर्ण पदक।

6 – 2018 पैराशूटिंग वर्ल्ड कप में रजत पदक।

7 – 2019 में गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन द्वारा मोस्ट प्रोमाइजिंग पैरालंपिक एथलीट सम्मान मिला।

8 – पैरालंपिक खिलाड़ी अवनी लखेरा को पद्मश्री अवार्ड से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सम्मानित किया –2022

टोक्यो पैरालंपिक 2020-21 मैं प्रदर्शन :

महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल में sh-1 वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्ट्स रैंकिंग में अवनी लेखरा पांचवें नंबर पर हैं। इन्होंने देश को पहला गोल्ड मेडल दिलाया। अवनी फाइनल में (249.6) पॉइंट के साथ गोल्ड पर जीत हासिल करने में सफल हुई।

अवनी लखेरा ने टोक्यो पैरालंपिक खेलों की महिला निशानेबाजी स्पर्धा में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया।

इन्होंने चीन की झांग कुइपिंग (248.9) को हराया। यूक्रेन की इरियाना शेतनिक (227.5 )को हराया और गोल्ड अपने नाम किया। पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली अवनी तीसरी भारतीय महिला बन गई हैं ,जो 19 वर्षीय हैं।

इतनी कम उम्र में गोल्ड जीतने के कारण पीएम मोदी और बड़े-बड़े नेताओं जैसे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ,राहुल गांधी और बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा ने ट्वीट करके अवनी को बधाई दी। आनंद महिंद्रा ने अवनी लेखरा को एसयूवी कार गिफ्ट करने का ऐलान भी किया।

अवनी को वर्तमान में राजस्थान की (बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ )परियोजना का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया जा रहा है। अवनी ने यूक्रेन की खिलाड़ी द्वारा दर्ज 2018 के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी भी की है।

अवनि ने 21 निशानेबाजों के बीच सातवें पायदान पर रहते हुए फाइनल में अपनी जगह बनाई और गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। इन्होंने अपनी जीत का श्रेय अपने माता-पिता और अपने कोच चंदन सिंह को दिया।

हमें उम्मीद है कि अवनी भविष्य में और भी मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन करेंगी। हम सभी उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।

सर्वश्रेष्ठ महिला पदार्पण सम्मान 2021

  • भारतीय निशानेबाज अवनी लखेरा को टोक्यो पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के लिए 2021 पैरालंपिक पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ महिला पदार्पण सम्मान दिया गया।

FAQ :

Q – अवनी लखेरा कौन है ?

ANS – अवनी लखेरा एक महिला पैरालंपिक निशानेबाज है।

Q – अवनी लखेरा का जन्म कब और कहां हुआ था ?

ANS – 8 नवंबर 2001 को जयपुर (राजस्थान) में हुआ था।

Q – अवनी लखेरा के माता पिता का नाम क्या है ?

ANS – पिता का नाम प्रवीण लखेरा और माता का नाम श्वेता लखेरा है।

Q – अवनी लखेरा ने टोक्यो पैरालंपिक 2021 में कौन सा पदक जीता ?

ANS – स्वर्ण पदक

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