A P J Abdul Kalam Biography in Hindi | ए पी जे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय

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डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय , पूरा नाम, जन्म, जन्म स्थान, उम्र, परिवार, वैज्ञानिक, भारत के राष्ट्रपति, मृत्यु [Dr A P J Abdul Kalam Biography in Hindi] (Full Name, Birth, Place of Birth, Age, Family, Scientist, President of India, Death)

दोस्तों आज में जिन महान हस्ती के बारे में बताने जा रहा हूँ, उनके विषय में जितना कहा जाये वो कम है। उनका जीवन हमारे लिए प्रेरणा है, वे हमारे भारतवर्ष की शान है ,जिन पर भारत को गर्व है। वे भारत के ग्यारहवे राष्ट्पति, वैज्ञानिक व इंजीनियर थे। इनका जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक मध्यम वर्गीय तमिल परिवार में हुआ था।

इनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुल अब्दीन अब्दुल कलाम मसऊदी था। इन्हे मिसाइल मेन के नाम से भी जाना जाता है। 

ए पी जे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय

नाम (Name)डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम (Dr A P J Abdul Kalam)
पूरा नाम (Full Name)अबुल पाकिर जैनुल अब्दीन अब्दुल कलाम मसऊदी
उपनाम (Other Name)मिसाइल मेन
जन्म (Birth)15 अक्टूबर 1931
जन्म स्थान (Birth Place)रामेश्वर ( तमिलनाडु )
पिता (Father’s Name)जैनुलाबदीन 
माता (Mother’s Name)आशियम्मा
बहन (Sister)असीम जोहरा
भाई (Brother)मुहम्मद मुथु मीरा लेब्बाई मरैकेयर, 
कासिम मुहमम्द ,मुस्तफा कमाल 
बचपन के दोस्त (Friends)रामानंद शास्त्री  , अरविंदन ,  शिवप्रकाशन 
धर्म (Religion)मुस्लिम
राष्ट्रीयता (Nationality)भारतीय
मृत्यु (Death)27 जुलाई 2015 (शिलांग)
मृत्यु की वजह (Cause Of Death)हृदयाघात

प्रारंभिक जीवन ((Dr A P J Abdul Kalam Early Life)

कलाम का जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था , बचपन में वे अपने पिता के साथ नमाज पड़ने जाया करते थे और बहुत कुछ सीखा करते थे। इनके पिता का नारियल का बाग़ हुआ करता था। बाद में इनके पिता ने लकड़ी की नौका बनाने का काम शुरू किया । उस समय कलाम मात्र 6 वर्ष के थे। ये नौकाएं तीर्थयात्रियों को रामेश्वरम से धनुषकोडि तक लाने ले जाने के काम आती थी।

इसके बाद एक स्थानीय ठेकेदार अहमद जलालुद्दीन के साथ इनके पिता समुद्र तात के पास नौकाए बनाने लगे ,बाद में  इनकी बड़ी बहन जोहरा से जलालुद्दीन की शादी हो गयी। कलम ने बताया की जलालुद्दीन ने उन्हें पढाई के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया और उन्हें सीमित दुनिया से बाहर निकलकर नयी दुनिया का बोध कराया। वे बताते है उनके बालयकाल में पुस्तके बहुत दुर्लभ वस्तु की तरह हुआ करती थी। एक व्यक्ति थे जिनका निजी पुस्तकालय था। जहा से वे किताबे घर पर पढ़ने के लिए लाया करते थे ।

वे बताते है उनके चचेरे भाई शम्सुद्दीन ऐसे दूसरे व्यक्ति थे जिनका उनके बाल जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा। इनके भाई रामेश्वरम में अखबारों के एकमात्र वितरक थे। बाद में उन्होंने अपने भाई के साथ अखबार के काम में हाथ बटाने लगे जिसके लिए उन्हें तनख्वाह भी मिली। 1939 में जब द्वितीय विश्व युद्ध छिड़ा  तब वे मात्र 8 वर्ष के थे इस दौरान उन्होंने इमली के बीजों को इकट्ठा कर परचून की दुकान में बेचा और अपने घर का खर्च चलाया। इनके जीवन पर इनके पिता का बहुत प्रभाव रहा।

शिक्षा (Dr A P J Abdul Kalam Education)

इनके शिक्षक श्री अयादुरे सोलोमन थे। वे कहा  करते थे “जीवन में सफल होने और नतीजों को हासिल करने के लिए तुम्हे तीन प्रमुख शक्तिशाली ताकतों को समझना चाहिए -इच्छा ,आस्था  और उमीदे “। हाई स्कूल – स्वार्ट्ज़ हाई स्कूल इंटरमीडिएट – सेंट जोजेफ कॉलेज (त्रिची ) से 1950  में किया। वे बताते है जब उन्होंने बीएससी के लिए सेंट जोजेफ कॉलेज में दाखिला लिया था तब वे उच्च शिक्षा के किसी और विकलप के बारे में बिलकुल अनभिज्ञ थे। बीएससी के बाद उन्हें महसूस हुआ की भौतिकी उनका विषय नहीं है ,वे तो इंजीनियरिंग करना चाहते थे।

इसके बाद उन्होंने मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी ( एम आई टी )में दाखिला लिया। उस समय दक्षिण भारत में तकनीकी शिक्षा के लिए मशहूर यह  एक विशिष्ट संस्थान था। यहाँ से इन्होने अंतरिक्ष विज्ञानं में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने भारतीय रक्षा अनुसन्धान एवं विकास सस्थान (ISRO) में प्रवेश किया।

एम आई टी के दौरान प्रोफेसर स्पान्डर ने इन्हे ऐरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा दी।

करियर (Dr A P J Abdul Kalam Carrer)

एम आई टी से वे एक प्रशिक्षु के रूप में  हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड बंगलौर चले गए। वहां इन्होने हवाई जहाजों के इंजनों की मरम्मत का काम किया। यहाँ इन्होने दोनों तरह के इंजनो पिस्टन इंजन ,टरबाइन इंजन की मरमत का काम किया। यहाँ इनका रेडियल इंजन तथा ड्रम ऑपरेशन का प्रशिक्षण भी हुआ। जब ये एच.ए.एल  से ऐरोनॉटिकल इंजीनियर बनकर आये तो इनके सामने नौकरी के दो बड़े अवसर थे। पहला भारतीय वायुसेना का था दूसरा रक्षा मंत्रालय के तकनीकी विकास एवं उत्पादन निदेशालय का था।

इन्होने दोनों नौकरियों के लिए आवेदन किया और दोनों ही जगह से साक्षात्कार के लिए बुलावा आया। वायुसेना के साक्षात्कार के लिए ये देहरादून आये परन्तु  इनका चयन नहीं हो पाया।  उसके बाद तकनीकी विकास एवं उत्पादन निदेशालय का नतीजा आया और इन्हे वहाँ इन्हे वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के पद पर काम संभाला।

निदेशालय में काम के दौरान इन्होने अपने सहयोगी की मदद से एक पराध्वनिक लक्ष्यभेदी विमान का डिज़ाइन बनाया। उसके बाद स्वदेशी हावरक्राफ्ट परियोजना पर भी काम किया।इस परियोजना के समय रक्षा मंत्री कृष्ण मेनन थे उन्होंने इस परियोजना के प्रति बहुत प्रोत्साहित किया। इस हावरक्राफ्ट को नंदी नाम दिया गया।

भारत के राष्ट्रपति (President of India)

देश को तकनीकी के क्षेत्र में नयी ऊचाइयो में पहुंचाने के कारण तत्कालीन एन.डी.ए  सरकार ने कलाम को वर्ष 2002 में राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया और भारी मतों से जीतकर 25 जुलाई 2002 को देश के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान जनता के हित में कार्य किये। उन्हें जनता का राष्ट्रपति भी कहा गया।

वैज्ञानिक जीवन (Scientific Life) 

ए.पी.जे.अब्दुल कलाम 1972 में  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( ISRO ) से जुड़े और परियोजना महानिदेशक बने। इनके इस कार्यकाल के दौरान भारत का पहला स्वदेशी उपग्रह SLV- 3 बना। जो कि देश के लिए गौरव का क्षण था। 1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के निकट स्थापित किया था।

इन्होने गाइडेड मिसाइल को भी डिज़ाइन किया। इन्होने अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलों को स्वदेसी तकनीक से बनाया था। ये भारत के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी रह चुके है। पोखरण में परमाणु परिक्षण में भी इनका अहम् योगदान था। इनके इन्ही योगदानो की वजह से भारत परमाणु हथियार के निर्माण की क्षमता प्राप्त करने में सफल रहा। इन्होने विज्ञानं के क्षेत्र को अत्याधुनिक करने के लिए भारत को एक नयी सोच प्रदान की।

पुरस्कार / सम्मान (Dr A P J Abdul Kalam Awards)
वर्षपुरस्कार
1981   पद्म भूषण    
1990 पद्म विभूषण
1997       भारत रत्न 
1998   वीर सावरकर पुरस्कार
2000         रामानुजन पुरस्कार
2007साइंस की मानद डायरेक्टरेट  विश्विद्यालय,ब्रिटेन
2008   डॉक्टर ऑफ़ इंजीनियरिंग विश्विद्यालय ,सिंगापुर
2012   डॉक्टर ऑफ़ लॉ विश्विद्यालय ( साइमन फ्रेज़र संगठन द्वारा )
2014         डॉक्टर ऑफ़ साइंस ,ब्रिटेन ( एडिनबर्ग विश्विद्यालय द्वारा )

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम की किताबें (Dr A P J Abdul Kalam Books)

  • इगनाइटेड माइंड :अनलीशिंग द पावर विदिन इंडिया
  • अग्नि  की उड़ान (Wings Of Fire
  • इंडिया 2020:अ विजन फार द न्यू मिलेनियम
  • मिशन इंडिया
  • इन्डोमिटेबल स्प्रिट

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम (Dr A P J Abdul Kalam Quotes)

  • आत्मविश्वास और कठिन परिश्रम  विफलता नामक बीमारी को मारने के लिए सबसे अच्छी दवा है, यह आपको जीवन में सफल व्यक्ति बनाएगी ” ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ”
  • ” सबसे उत्तम कार्य क्या होता है ?   किसी इंसान के दिल को खुस करना , किसी भूखे को खाना देना ,जरूरत मंद की मदद करना ,किसी दुखियारे का दुःख हल्का करना और किसी घायल की मदद करना ” 

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम मृत्यु (Dr A P J Abdul Kalam Death)

भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग मैं अपने व्याख्यान के दौरान 27 जुलाई 2015 को दिल का दौरा पड़ने के कारण उनका निधन हो गया वे 84 साल के थे।

FAQ :

q : डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का पुरा नाम क्या है ?

Ans : अबुल पाकिर जैनुल अब्दीन अब्दुल कलाम मसऊदी

q : डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म कब और कहां हुआ था ?

Ans : 15 अक्टूबर 1931 रामेश्वर ( तमिलनाडु )

Q : डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु कब हुई ?

Ans : 27 जुलाई 2015

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