सोलर पावर प्लांट (Solar Power Plant)
सोलर पावर प्लांट के तहत सूर्य के प्रकाश में सोलर सेल की मदद से बिजली का उत्पादन किया जाता है। इसके तहत बहुत सारे सोलर सेल को मिलाकर एक सोलर पैनल बनाया जाता है । एक सोलर पैनल 250 W से लेकर 350 W तक का बिजली उत्पादन कर सकता है , ऐसे बहुत सारे सोलर पैनल को मिलाकर एक बहुत बड़ी सौर सारिणी बनायीं जाती है , जिसकी मदद से बिजली का उत्पादन किया जाता है।
सोलर पावर प्लांट कैसे काम करता है
सोलर सेल के माध्यम से हम सोलर रेडिएशन को इलेक्ट्रिसिटी में बदल सकते हैं, सूर्य से जो हमे रेडिएशन मिलता है , वह तीन तरह का होता है ।
1 – अल्ट्रावॉयलेट
2 – विजिबल
3 – इंफ्रारेड
सौर ऊर्जा प्राप्त करने के लिए हमे इनमे से विज़िबल रेडिएशन का इस्तेमाल करते हैं। सोलर पैनल बहुत ही छोटे छोटे सेल से मिलकर बना होता है और ये छोटे छोटे सेल बहुत कम करंट और वोल्टेज उत्पादन करते हैं लकिन यदि हम बहुत सरे सेल्स को इकट्ठा जोड़कर एक बरी प्लेट बना लेते हैं ।
सोलर प्लेट का जो सेल होता है वह या तो जर्मेनियम या सिलिकॉन से बनाया जाता है । इसकी एक खास बात यह होती है की जैसे ही सूर्य का प्रकाश इन सेल्स पैर पड़ता है तो उसके अंदर इलेक्ट्रॉन का प्रभाव होना प्रारम्भ हो जाता है।
सोलर ऊर्जा के फायदे (Advantage )
- यह पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचाता है।
- रखरखाव और मरम्मत कार्य पर बहुत कम लागत लगा कर काम कर सकते हैं।
- सौर ऊर्जा का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है ।
- यह बिजली का बिल काम कर देता है।
- यह एक renewable ऊर्जा का स्रोत है।
सोलर ट्रैकिंग सिस्टम ( Solar Tracking System )
जैसा कि आपको पता है कि हमारा सूर्य पूर्व दिशा से निकलता है और पश्चिम में अस्त होता है । जब हम सोलर पैनल को फिक्स करते हैं तो सुबह के समय जब सूर्य की हल्की -हल्की किरणे सोलर पैनल पर पड़ती है तो सोलर पैनल इलेक्ट्रिसिटी जनरेट करना शुरू कर देता है । लेकिन सुबह के समय सूर्य की light कम होने के कारण वह कम उत्पादन करता है और जैसे -जैसे दिन होता है वैसे ही सूर्य प्रकाश अत्यधिक तेज होने लगता है जिस कारण सौर पैनल अत्यधिक बिजली उत्पन्न करते हैं , लेकिन जैसे-जैसे शाम होने लगती है, सूर्य की किरणे सोलर पैनल पर नहीं पड़ती , जिस कारण बिजली का बहुत कम उत्पादन होता।
इसीलिए Proper बिजली उत्पादन के लिए सोलर ट्रैकिंग सिस्टम बनाया गया है जिसका अर्थ है सूर्य को ट्रैक करना अर्थात जिस दिशा की तरफ सूर्य जाता है । वह सोलर पैनल की प्लेटो को उस तरफ घुमा देता है , जिससे बिजली के उत्पादन की क्षमता बढ़ती है , इसे ही Solar Tracking System कहते है ।
एशिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना
एशिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना भारत के मध्य प्रदेश के रीवा में बनकर तैयार हो गयी है । इसकी क्षमता 750 मेगावाट है । यह प्लांट हर साल करीब 15 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी लाएगा ।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की इसके पीछे वन वर्ल्ड , वन सन , वन ग्रिड की भावना है । आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत अब देश का लक्ष्य है कि सोलर पैनल सहित तमाम उपकरणों के लिए हम आयात पर निर्भरता को खत्म करें ।
इस परियोजना का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किया और कहा की सौर ऊर्जा –श्योर ,प्योर और सिक्योर है ।
सौर ऊर्जा सब्सिडी
केंद्र सरकार किसानो को सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए बैंक खातों में सब्सिडी दे रही है । सरकार द्वारा चलाई जा रही कुसुम योजना के तहत बैंक किसानो को 30 %लोन देंगे।
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