बिरजू महाराज का जीवन परिचय | Kathak Dancer Birju Maharaj Biography

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बिरजू महाराज का जीवन परिचय, कत्थक नर्तक, जन्म, उम्र, जन्म स्थान, पिता, परिवार, पत्नी, बच्चे, अवार्ड, मृत्यु [Kathak Dancer Birju Maharaj BIigraphy](Birth, Age, Place of Birth, Father, Wife, Faimly, Son, Awards, Death )

भारत में कथक सम्राट के नाम से विख्यात पंडित बिरजू महाराज का वास्तविक नाम बृज मोहन नाथ मिश्रा था । वे भारत के एक महान कत्थक नर्तक थे। वे भारतीय नृत्य की कथक शैली के ज्ञाता थे और अपनी इस विधा के आचार्य भी थे। वे शास्त्रीय कत्थक नृत्य के लखनऊ स्थित कालिका बिंदादीन घराने से ताल्लुक रखते थे साथ ही वह कत्थक नृत्य के महाराज परिवार के वंशज थे। इनके ताऊ लच्छू महाराज चाचा शंभू महाराज और स्वयं इनके पिता और गुरु अच्छन महाराज कत्थक नृत्य शैली के बहुत बड़े ज्ञाता थे।

बिरजू महाराज (कत्थक सम्राट) का जीवन परिचय

नाम (Name)पंडित बिरजू महाराज
(Pandit Birju Maharaj)
पूरा नाम (Full Name)बृज मोहन नाथ मिश्रा
जन्म (Born)4 फरवरी 1938
जन्म स्थान (Birth Place)हंडिया , लखनऊ (उत्तर-प्रदेश)
उम्र (Age)83 वर्ष
वर्तमान पता दिल्ली
पिता (Father)अच्चन महाराज
माता (Mother)अम्मा जी महाराज
पेशा (Profession)नर्तक, संगीतकार, गायक
शैलीभारतीय शास्त्रीय नर्तक
वैवाहिक स्थिति विवाहित
पत्नी
बच्चे (Children)जयकिशन महाराज ,दीपक महाराज
ममता महाराज
धर्म हिंदू
राष्ट्रीयताभारतीय
मृत्यु17 जनवरी 2022 (दिल्ली)
Official WebsiteClick Here

बिरजू महाराज का जन्म एवं परिवार

पंडित बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को कत्थक नृत्य शैली के मशहूर जगन्नाथ महाराज के घर हुआ था। जिन्हें लखनऊ घराने के अच्छन महाराज कहा जाता था। उनके परिवार में उनके ताऊ लच्छू महाराज और चाचा शंभू महाराज भी थे। जो कथक नृत्य के बहुत बड़े फनकार से थे। बिरजू महाराज ने उनसे कत्थक नृत्य का प्रशिक्षण लिया था।

9 वर्ष की आयु में ही इनके पिता का स्वर्गवास हो गया था जिसके बाद यह अपने परिवार सहित दिल्ली में रहने लगे।इनके तीन बच्चे हैं, इनके बेटों का नाम जय किशन महाराज और दीपक महाराज और बेटी का नाम ममता महाराज है।

करियर

बिरजू महाराज जी ने मात्र 13 वर्ष की आयु में ही नई दिल्ली स्थित संगीत भारती में डांस की शिक्षा देना प्रारंभ कर दिया था। इसके बाद इन्होंने भारतीय कला केंद्र (दिल्ली) में भी डांस सिखाना प्रारंभ किया। कुछ वर्ष बाद इन्होंने संगीत नाटक अकादमी (दिल्ली) के कत्थक केंद्र में अपने शास्त्रीय नृत्य कत्थक का शिक्षण कार्य प्रारंभ किया और बाद में वे इसके अध्यक्ष के साथ-साथ निदेशक भी नियुक्त किए गए। वर्ष 1998 में बिरजू महाराज यही से सेवानिवृत्त हुए इसके बाद उन्होंने दिल्ली में ही एक नाट्य विद्यालय कलाश्रम की स्थापना की।

बिरजू महाराज जी ने अपने नृत्य की छाप भारतीय फिल्म जगत में भी छोड़ी। उन्होंने कई भारतीय फिल्मों में डांस को कोरियोग्राफ किया है। सत्यजीत राय की फिल्म शतरंज के खिलाड़ी में संगीत देने के साथ-साथ दो गानों में अपनी मधुर ध्वनि से गीत भी गाये। इसके अलावा उन्होंने वर्ष 2002 में हिंदी फिल्म देवदास के गीत ”काहे छेड़ छेड़ मोहे” के लिए कोरियोग्राफी की। अन्य फिल्मों की बात करें तो इन्होंने डेढ़ इश्किया, उमराव जान और बाजीराव मस्तानी जैसी सुपरहिट हिंदी फिल्मों में कत्थक नृत्य की कोरियोग्राफी की है।

पुरस्कार एवं सम्मान(Awards)

वर्ष पुरस्कार
1986 पद्म विभूषण , संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, कालिदास सम्मान
1986डॉक्टरेट की मानद उपाधि
(काशी हिंदू विश्वविद्यालय एवं खैरागढ़ विश्वविद्यालय द्वारा)
2012राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार
भरत मुनि पुरस्कार
2002लता मंगेशकर पुरस्कार
2016फिल्म फेयर पुरस्कार
(फिल्म बाजीराव मस्तानी के गीत
”मोहे रंग दो लाल”के नृत्य निर्देशन हेतु)

मृत्यु

भारतीय शास्त्रीय नृत्य कत्थक के पुरोधा रहे बिरजू महाराज अब हमारे बीच नहीं रहे। उनका 83 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से दिल्ली स्थित निवास में 17 जनवरी को निधन हो गया। उनके निधन पर भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से लेकर सिनेमा जगत के प्रसिद्ध हस्तियों ने भी उनके निधन पर गहरा दुख प्रकट किया।

उन्होंने कई भारतीय फिल्मों में डांस की कोरियोग्राफी भी की। कला के क्षेत्र में उन्होंने अपना अमूल्य योगदान दिया जिसके लिए उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था।

FAQ :

Q : बिरजू महाराज का जन्म कब और कहां हुआ था ?

Ans : 4 फरवरी 1938 लखनऊ (उत्तर-प्रदेश)

Q : पंडित बिरजू महाराज की मृत्यु कब हुई थी ?

Ans : पंडित बिरजू महाराज की मृत्यु 17 जनवरी 2022 को दिल का दौरा पड़ने से हुई।

Q : पंडित बिरजू महाराज की उम्र कितनी थी ?

Ans : 83 वर्ष

Q : बिरजू महाराज का संबंध किस नृत्य शैली से है ?

Ans : कत्थक नृत्य शैली

Q : बिरजू महाराज के पिता का नाम क्या था ?

Ans : इनके पिता का नाम अच्छन महाराज था ,जो इनके गुरु और कत्थक नृत्य शैली के बहुत बड़े ज्ञाता थे।

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