प्रमोद भगत का जीवन परिचय, टोक्यो पैरालंपिक 2020 स्वर्ण पदक विजेता, उम्र, पत्नी, मेडल [Pramod Bhagat biography In Hindi] (Age, faimly, Hometown, Village, State, wife, tokyo Paralympics 2020 gold medalist )
प्रमोद भगत भारत के एक प्रोफेशनल पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी है। वे वर्तमान समय में पैरा बैडमिंटन पुरुष सिंगल्स में विश्व के नंबर एक स्थान पर काबिज है । टोक्यो पैरालंपिक में प्रमोद ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बैडमिंटन में अपने फाइनल मुकाबले में ब्रिटेन के डेनियल बेथल को 2-0 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
ऐसा करके प्रमोद बैडमिंटन के पुरुष सिंगल्स SL3 में पहला स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय बन गए है । उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय अपनी माता मानती भगत उन्हें गोद लेने वाली उनकी बुआ कुसुम भगत और अपने दोनों कोच एस पी भगत , गौरव खन्ना को दिया ।

प्रमोद भगत का जीवन परिचय :
नाम (Name) | प्रमोद भगत (Pramod Bhagat) |
जन्म (Birth) | 4 जून 1988 |
जन्म स्थान (Birth Place) | हाजीपुर वैशाली ( बिहार ) |
वर्तमान निवास स्थान | भुवनेश्वर ( ओडिशा ) |
उम्र (Age) | 33 वर्ष (2022) |
पिता (Father’s Name) | रामा भगत |
माता (Mother’s name) | मानती देवी |
भाई (Brother) | अमोद भगत , शेखर भगत |
बहन (Sister) | तीन बड़ी बहन |
पेशा (Profession) | पैरा बैडमिंटन |
इवेंट (Event) | एस एल – 3 |
कोच (Coach) | एस पी भगत , गौरव खन्ना |
धर्म (Religion) | हिन्दू |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
सोशल |
प्रमोद भगत का जन्म एवं परिवार Pramod Bhagat Family :
प्रमोद भगत का जन्म बिहार स्थित हाजीपुर के सुबई गांव में 4 जून 1988 को रामा भगत व मानती भगत के घर हुआ था । इनके पिता एक साधारण किसान थे प्रमोद जब 5 साल के थे तब उनके बाये पैर में पोलियो हो गया था , गरीबी के कारण इनका इलाज सही से नहीं हो पाया ।
इसके बाद इनके बुआ और फूफा ने उन्हें गोद ले लिया और वे प्रमोद को उड़ीसा के सम्भलपुर ले गए वे यहाँ नौकरी किया करते थे । उन्होंने प्रमोद की परवरिश में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होने दी और इन्हे ओडिशा से ही शिक्षा के साथ – साथ खेल में भी आगे बढ़ाने में पूरा सहयोग किया । प्रमोद के दो छोटे भाई और तीन बड़ी बहने है ।
शिक्षा (Education):
प्रमोद ने अपनी शिक्षा ओडिशा से ही पूरी की । उन्होंने इंटरमीडिएट करने के बाद आई टी आई भी की है । इसके आलावा प्रमोद ने भुवनेश्वर से आर्ट्स विषय से स्नातक किया है । वे पढ़ाई के साथ – साथ उनके गांव से कुछ दूरी पर स्थित प्लेयर क्लब में बैडमिंटन खेला करते थे और यही से उन्होंने बैडमिंटन खेलना प्रारंभ किया ।
प्रमोद भगत का करियर :
प्रमोद भगत बिहार के एक छोटे से गांव से आते हैं और अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने आज इतनी बड़ी कामयाबी हासिल कर बिहार के साथ पूरे भारत का नाम विश्व में रोशन किया है। प्रमोद को बचपन से ही खेल के प्रति रूचि थी । परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण उनके पास बैडमिंटन खरीदने के लिए पैसे नहीं हुआ करते थे लेकिन खेल के प्रति जूनून ने उन्हें टूटने नहीं दिया अपनी प्रबल इच्छाशक्ति से वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करते चले गए और अंततः उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक गेम्स 2020 में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी प्रतिभा को साबित किया । वे हमारे देश के लाखों युवाओ के प्रेरणा के स्रोत बन गए है ।

प्रमोद जब छोटे थे तब अपने पड़ोसियों को बैडमिंटन खेलता देख उन्हें 13 साल की उम्र में इस खेल में रूचि बढ़ने लगी और इसे उन्होंने अपने करियर के तौर पर चुन लिया । प्रमोद ने मात्र 15 साल की उम्र में ही अपना पहले टूर्नामेंट खेला और जिसके लिए उन्हें लोगो से बहुत प्रसंशा मिली। 2006 में प्रमोद का चयन ओडिशा टीम में हुआ था । इसके बाद अपने करियर को आगे बढ़ाते हुए अपने हुनर से इन्होंने जिला स्तरीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओ में भाग लिया और कई प्रतियोगिताएं जीती जिसमें उन्हें पुरस्कार और मेडल प्राप्त हुए।
टोक्यो पैरालंपिक 2020 में प्रमोद भगत का प्रदर्शन :
प्रमोद भगत की वर्तमान में वर्ल्ड रैंकिंग नंबर 1 है । इसी के अनुरूप उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में अपना खेल का प्रदर्शन किया और स्वर्ण पदक भारत की झोली में डाला । इसी के साथ उन्होंने इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया है । यह उनकी असाधारण प्रतिभा को दर्शाता है उन्होंने जिस मेहनत और लगन से इस कामयाबी को हासिल किया है वे भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन कर उभरे हैं ।
टोक्यो पैरालंपिक के फाइनल में प्रमोद ने ब्रिटेन के डेनियल बेथल को 21-14 , 21-17 से हराते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। ऐसा करते ही वे पैरालंपिक मैं बैडमिंटन में स्वर्ण पदक जीतने वाले प्रथम भारतीय बन गए।
प्रमोद भगत को प्राप्त उपलब्धियां और मेडल :
वर्ष | प्रतियोगिता | इवेंट | पदक | स्थान |
2013 | विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप | पुरुष डबल | स्वर्ण | डॉर्टमुंड ( जर्मनी ) |
2014 | एशियन बैडमिंटन पैरा गेम्स | पुरुष सिंगल SL3 | कांस्य | इंचियोन |
2015 | विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप | पुरुष सिंगल | स्वर्ण | स्टॉक मांडेविल्ले |
2015 | विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप | पुरुष डबल | रजत | स्टॉक मांडेविल्ले |
2016 | एशियन पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप | पुरुष सिंगल SL3 | कांस्य | बीजिंग |
2016 | एशियन पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप | पुरुष डबल SL3 – SL4 | कांस्य | बीजिंग |
2017 | विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप | पुरुष सिंगल | कांस्य | उल्सान |
2018 | एशियन बैडमिंटन पैरा गेम्स | पुरुष सिंगल SL3 | स्वर्ण | जाकर्ता ( इंडोनेशिया ) |
2018 | एशियन बैडमिंटन पैरा गेम्स | पुरुष सिंगल SL3 – SL4 | कांस्य | जाकर्ता |
2019 | विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप | पुरुष सिंगल | स्वर्ण | बासेल ( स्विट्जरलैंड ) |
2019 | विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप | पुरुष डबल | स्वर्ण | बासेल |
2019 | IWAS वर्ल्ड गेम्स | पुरुष सिंगल SL3 | स्वर्ण | शारजहां |
2019 | IWAS वर्ल्ड गेम्स | पुरुष डबल SL3 – SU5 | स्वर्ण | शारजहां |
2019 | IWAS वर्ल्ड गेम्स | पुरुष डबल SU5 | रजत | शारजहां |
2020 | पैरालंपिक गेम्स | पुरुष सिंगल | स्वर्ण | टोक्यो ( जापान ) |
पुरस्कार AWARDS :
वर्ष | पुरस्कार |
2019 | अर्जुन अवॉर्ड |
2019 | बीजू पटनायक स्पोर्ट्स अवॉर्ड उड़ीसा |
2021 | मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार |
2022 | पदम् श्री |


FAQ :
Q : प्रमोद भगत कौन हैं ?
ANS : प्रमोद भगत भारत के एक प्रोफेशनल पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी है ।
Q : प्रमोद भगत के पिता का नाम क्या है ?
ANS : रामा भगत
Q : प्रमोद भगत की वर्ल्ड रैंकिंग क्या है ?
ANS : प्रमोद भगत की वर्तमान वर्ल्ड रैंकिंग पुरुष सिंगल्स पैरा बैडमिंटन में प्रथम स्थान पर है।
Q : प्रमोद भगत के कोच का नाम क्या है ?
ANS : एस पी भगत , गौरव खन्ना
q : प्रमोद भगत किस राज्य के रहने वाले हैं ?
Ans : भुवनेश्वर ( ओडिशा )
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