निखत जरीन का जीवन परिचय, महिला मुक्केबाज, उम्र, परिवार, कद, बॉयफ्रेंड, नेटवर्थ, टि्वटर ,हसबैंड नेम ,इंस्टाग्राम ,ओलंपिक्स, पदक [Nikhat Zareen Biography In Hindi] (Indian Female Boxer, Age, Family, Height, Boyfriend, Net worth ,Twitter, Husband Name, Instagram, Olympic, Medal, World Championship)
निखत जरीन एक युवा भारतीय महिला मुक्केबाज हैं। भारत के तेलंगाना स्थित निजामाबाद में जन्मी निखत ने मात्र 13 वर्ष की आयु से ही बॉक्सिंग खेलना शुरू कर दिया था। उनके इस बॉक्सिंग करियर में उनके माता-पिता और उनके परिवार ने बहुत सहयोग किया। जरीन ने 2019 में स्ट्रैंडजा मेमोरियल बॉक्सिंग टूनामेंट में स्वर्ण पदक जीता और वह इसी टूर्नामेंट में दो बार स्वर्ण जीतने वाली इकलौती भारतीय महिला मुक्केबाज हैं। वे कई बार राष्ट्रीय पदक विजेता बन चुकी है।
निखत जरीन और नीतू नेबुलगारीया ने सोफिया में 73वे स्टैंडजा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। निखत ने महिलाओं के 52 किलोग्राम फाइनल में 4-1 से जीत के साथ अपना दूसरा स्वर्ण पदक प्राप्त किया।

निखत जरीन का जीवन परिचय
नाम (Name) | निखत जरीन (Nikhat Zareen) |
जन्म (Birth) | 14 जून 1996 |
जन्म स्थान | तेलंगाना, भारत |
उम्र (Age) | 25 वर्ष |
गृहनगर (Hometown) | निजामाबाद, तेलंगाना, भारत |
पेशा (Profession) | मुक्केबाज (Boxer) |
कद (Height) | 1.93 m |
वजन (Weight) | 52 kg |
वजन वर्ग | फ्लाइवेट |
कोच (Coach) | इमानी चिरंजीवी , आरवी राव – द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त (2009) |
स्कूल (School) | निर्मला हृदय गर्ल्स हाई स्कूल, निजामाबाद |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
धर्म (Religion) | मुस्लिम |
राष्ट्रीयता (Nationality) | भारतीय |
नेटवर्थ (Networth) | 1-5 MILLION |
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निखत जरीन का परिवार (Nikhat Zareen Family)

पिता (Father’s Name) | मोहम्मद जमील अहमद |
चाचा (Uncle) | शमशामुद्दीन (बॉक्सिंग कोच) |
माता (Mother’s Name) | परवीन सुल्ताना |
भाई (Brother) | ज्ञात नहीं |
बहन (Sister) | ज्ञात नहीं |
बॉयफ्रेंड (Boyfriend) | ज्ञात नहीं |
निखत जरीन का जन्म व शिक्षा (Nikhat Zareen Education)
निखत जरीन का जन्म 14 जून 1996 को तेलंगाना के निजामाबाद में हुआ।
जरीन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा निजामाबाद के निर्मला हृदय गर्ल्स हाई स्कूल ,हैदराबाद से ही प्राप्त की। उसके बाद वे हैदराबाद के एवी कॉलेज में बीए की पढ़ाई कर रही हैं ।
निखत जरीन का खेल करियर (Nikhat Zareen Career)
जरीन को बॉक्सिंग की दुनिया से उनके चाचा शमशामुद्दीन ने परिचित कराया। क्योंकि वे एक बॉक्सिंग कोच हैं। उन्हें देखते हुए निखत में बॉक्सिंग में रुचि विकसित होने लगी। जरीन ने 13 साल की उम्र में ही बॉक्सिंग करना शुरू कर दिया था।स्नातक की पढ़ाई करते समय जालंधर में आयोजित ऑल इंडिया इंटर -यूनिवर्सिटी बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जरीन ने सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज का खिताब हासिल किया। जरीन हमेशा मुक्केबाज मैरीकॉम को अपनी प्रेरणा मानती हैं। 2009 में जरीन को द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त आईवी राव से प्रशिक्षण लेने के लिए इनके माता-पिता ने विशाखापट्टनम स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण साईं में भर्ती कराया। एक साल बाद ही 2010 में इन्होंने इरोड नेशनल में गोल्डन बेस्ट बॉक्सर का अवार्ड जीता।
निखत ने 2011 के एआईबीए महिला युवा और जूनियर विश्व चैंपियनशिप में भारत के लिए स्वर्ण पदक हासिल किया था।हाल ही में बैंकॉक में आयोजित थाईलैंड ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में जरीन ने रजत पदक हासिल किया। इसके साथ ही उन्होंने असम में आयोजित 16वीं सीनियर महिला राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2015 में स्वर्ण पदक जीता। उसके बाद 2020 में तेलंगाना के खेल मंत्री वी श्रीनिवास गौड़ और स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ तेलंगाना स्टेट की ओर से जरीन को पुरस्कार के रुप में एक इलेक्ट्रिकल स्कूटी के साथ 10 हजार रुपये दिए गए।

निखत ने अपना पहला स्वर्ण पदक 2010 में नेशनल सब जूनियर मीट में प्राप्त किया। उसके बाद तुर्की में 2011 के महिला जूनियर और यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में इन्हें फ्लाइवेट डिवीजन में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीतने का मौका मिला। जरीन का तुर्की में मुक्केबाज उलकू डेमीर से मुकाबला था, जिसे उन्होंने 27:19 स्कोर के साथ तीन राउंड में ही जीत लिया।
निखत 2013 में बुलगारीया के महिला जूनियर और युवा विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में रजत पदक ही जीत पाई। फिर 2014 में इन्होंने 51 किलो वर्ग में रूस की पल्टसेवा एकातेरिना को हराते हुए सरबिया के नोवी सैड में आयोजित तीसरे नेशंस कप इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में फिर से स्वर्ण पदक प्राप्त किया।
जरीन ने मैरी कॉम के साथ ट्रायल करवाने की मांग भी की और कहा कि उन्हें भी ओलंपिक क्वालीफायर में हिस्सा लेने का मौका मिलना चाहिए। उनकी इस मांग पर मुक्केबाजी महासंघ ने मैरीकॉम के लिए भी ट्रायल को जरूरी बना दिया और निखत और मैरी के बीच ट्रायल करवाया। दोनों के बीच ट्रायल एकतरफा रहा और मैरी ने आसानी से निखत को 9-1 से हराते हुए क्वालीफायर्स में जगह बना ली।
2022 स्ट्रेंड्ज़ा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में जरीन ने यूक्रेन की तेतियाना कोब को हराकर तीन बार कि यूरोपिय चैंपियनशिप की पदक विजेता को 4-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता।
निखत जरीन अवॉर्ड्स (Nikhat Zareen Awards)
- इन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू द्वारा 2022 का अर्जुन पुरस्कार दिया गया।
निखत जरीन की उपलब्धियाँ (Nikhat Zareen Achievements)
- वर्ष 2011 में तुर्की में आयोजित यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप और एआईबीए महिला जूनियर के फ्लाईवेट वर्ग में निखत ने स्वर्ण पदक की दावेदारी पेश की ।
- साल 2014 में निखत ने बुल्गारिया में आयोजित यूथ बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत पदक जीता।
- वर्ष 2014 में ही इन्होंने सर्बिया में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 51 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने में कामयाबी हासिल की।
- साल 2015 में इन्होंने असम में आयोजित सीनियर वुमन नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
- निखत को उनके होम टाउन निजामाबाद, तेलंगाना का आधिकारिक ब्रांड अंबेसडर बनाया गया।
- निखत जरीन की सहायता वेलस्पन समूह द्वारा की जा रही है और भारतीय खेल प्राधिकरण के टारगेट ओलंपिक पोडियम में भी वे शामिल हैं।
- जरीन को बैंक ऑफ इंडिया ,एसी गार्ड्स ,हैदराबाद के अंचल कार्यालय में स्टाफ ऑफिसर के रूप में नियुक्त किया गया है।
- वर्ष 2018 में जरीन ने एडिडास /ADIDAS के साथ ब्रांड एंडोर्समेंट डील साइन की।
- निखत को 2015 में ऑल इंडिया इंटर-यूनिवर्सिटी बॉक्सिंग चैंपियनशिप जालंधर ,में ”सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज” का सम्मान मिला।
- निखत को खेल 2019 में उत्कृष्टता के लिए JFW पुरस्कार दिया गया।
महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2022 में निकहत / निखत जरीन ने जीता स्वर्ण पदक
तुर्की के शहर इस्तांबुल में चल रही विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में शानदार जीत हासिल कर निकहत ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया। जरीन ने 52 किलोग्राम भार वर्ग के खिताबी मुकाबले में थाईलैंड की जितपोंग जूतामास को एक तरफा 5-0 से हराते हुए यह स्वर्णिम कामयाबी हासिल की।
इससे पूर्व भी 2019 में जरीन ने जूतामास को थाईलैंड ओपन के सेमीफाइनल में हरा चुकी हैं। इस जीत के साथ ही जरीन विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पांचवी भारतीय महिला बन गई। वैसे यह महिला मुक्केबाजी विश्व चैंपियनशिप में भारत का दसवां स्वर्ण पदक है। इससे पूर्व भारत को वर्ष 2018 में मैरी कॉम ने इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जिताया था।
महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में दूसरी बार जीता स्वर्ण पदक
निखत जरीन ने अपने नाम एक और कामयाबी जोड़ ली। निखत ने 50 किलोग्राम भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में वियतनाम की ताम को 5-0 से हराकर लगाया जीता स्वर्ण पदक। इस स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही निखत दूसरी भारतीय महिला मुक्केबाज बन गई है, जिन्होंने लगातार दो बार विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय महिला खिलाड़ी
मुक्केबाज | वर्ग | साल |
मैरी कॉम | 45 किलोग्राम | 2000 |
मैरी कॉम | 46 किलोग्राम | 2005 |
मैरी कॉम | 46 किलोग्राम | 2006 |
सरिता देवी | 52 किलोग्राम | 2006 |
जेनी आरएल | 63 किलोग्राम | 2006 |
लेखा केसी | 75 किलोग्राम | 2006 |
मैरी कॉम | 46 किलोग्राम | 2008 |
मैरी कॉम | 48 किलोग्राम | 2010 |
मैरी कॉम | 48 किलोग्राम | 2018 |
निखत जरीन | 52 किलोग्राम | 2022 |
निखत जरीन | 50 किलोग्राम | 2023 |
भारतीय बॉक्सर निखत में बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में इतिहास रचते हुए गोल्ड मेडल जीत लिया। उन्होंने 50 किलोग्राम भार वर्ग में आयरलैंड की बॉक्सर नेशनल को हराकर यह कामयाबी हासिल की। इससे पहले सेमीफाइनल में उन्होंने इंग्लैंड की बॉक्सर को 5-0 से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी।

निखत जरीन इंस्टाग्राम (Nikhat Zareen Instagram)
FAQ :
Q : निखत जरीन कौन सा खेल खेलती हैं ?
Ans : मुक्केबाजी (Boxing)
Q : निखत जरीन की उम्र कितनी हैं ?
Ans : 25 वर्ष
Q : निखत जरीन की हाइट कितनी हैं ?
Ans : 1.93 मी
Ans : स्वर्ण पदक
Q : निखत जरीन ने कौन सा पदक जीता ?
Ans : निखत ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता, वे अब तक दो बार इस पदक को जीत चुकी हैं ।
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