आईपीओ क्या है, इसमें निवेश कैसे करें ,आईपीओ के फायदे व नुकसान ,आईपीओ की फुल फॉर्म ,आईपीओ कैलेंडर 2022 ,आईपीओ में निवेश कैसे करें,आईपीओ के प्रकार, आगामी आईपीओ 2022 [ What is IPO] (How to buy IPO, Advantages and Disadvantages of IPO, Full Form of IPO, IPO Calendar2022 , How to Invest in IPO, Types of IPO, Upcoming IPO 2022,IPO allotment status)
आईपीओ क्या है, इसमें निवेश कैसे करें भारतीय शेयर बाजार में आजकल (Initial Public Offer) यानी इनिशियल पब्लिक ऑफर की बाढ़ सी आ गई है। स्टॉक एक्सचेंज (Share Market) अपने अब तक के उच्चतम स्तर पर कारोबार कर रहे हैं और बाजार की इस तेजी का फायदा उठाने के लिए ज्यादा से ज्यादा आईपीओ लाये जा रहे हैं। इन आईपीओ के जरिए निवेशक भी पैसा कमा रहे हैं। लेकिन नए निवेशकों को इन आईपीओ में निवेश करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है ,नहीं तो नुकसान भी हो सकता है।अभी तक मार्केट में 40 से ज्यादा नए आईपीओ लॉन्च हो चुके हैं और कई आईपीओ आने वाले हैं।
आईपीओ क्या है, इसमें निवेश कैसे करें आईपीओ किसी बाजार से पूंजी जुटाने के लिए कंपनी द्वारा लाया जाता है। यह एक प्राइवेट कंपनी को पब्लिक कंपनी में बदलने की प्रक्रिया है। जब किसी कंपनी को पैसे की आवश्यकता होती है ,तो वह शेयर बाजार में खुद को सूचीबद्ध कराती है ,और आईपीओ के जरिए प्राप्त होने वाली पूजी को कंपनी अपनी जरूरत के लिए इस्तेमाल करती है। इस फंड का इस्तेमाल कर्ज चुकाने या फिर किसी कंपनी की तरक्की मैं भी किया जाता है। स्टॉक एक्सचेंज पर शेयरों की लिस्टिंग से किसी कंपनी को अपने मूल्य का उचित वैल्यूएशन प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
आईपीओ क्या है, इसमें निवेश कैसे करें
आईपीओ के बारे में अगर बात करें तो हम सरल शब्दों में यह कह सकते हैं कि ” जब कोई कंपनी अपने स्टॉक या शेयर को पहली बार लोगों के लिए जारी करती है ” तो उसे (आईपीओ IPO ) कहते हैं। आईपीओ किसी कंपनी के लिए पैसे जुटाने का एक साधन है और किसी निवेशक के लिए पैसे कमाने का। कंपनी द्वारा आईपीओ इसलिए जारी किया जाता है ,क्योंकि वह शेयर बाजार में सूचीबद्ध हो सके।
शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीद शेयर बाजार में हो पाती है ,और कंपनी निवेश या फिर अपना विस्तार करने की हालत में फंड इकट्ठा कर पाती है। आईपीओ को जारी करने के दो मुख्य कारण हो सकते हैं एक पूंजी जुटाना और दूसरा पूर्व निदेशकों को समृद्ध करना।
सामान्य शब्दों में अगर किसी कंपनी ने कुछ शेयर आईपीओ के लिए निकाले हैं और आपने उन शेयर्स का 2% हिस्सा खरीदा है ,तो आप उस कंपनी के 2% हिस्से के मालिक होते हैं। इस तरह से आईपीओ से कंपनी को और इन्वेस्टर दोनों को फायदा होता है।
आईपीओ की फुल फॉर्म
आईपीओ IPO की फुल फॉर्म इनिशियल पब्लिक आफरिंग (Initial Public Offering) है।
आईपीओ के प्रकार (Types of IPO)
आईपीओ दो प्रकार के होते हैं।
1 – फिक्स्ड प्राइस आईपीओ।
2 – बुक बिल्डिंग आईपीओ।
1 – फिक्स्ड प्राइस आईपीओ-
फिक्सड प्राइस आईपीओ मैं कंपनी आईपीओ की कीमत की घोषणा पहले ही कर देती है। जब हम एक निश्चित प्राइस वाले आईपीओ में भाग लेते हैं तो हम पूर्ण भुगतान करने के लिए सहमत होते हैं या दिए गए फिक्स प्राइस पर ही शेयर खरीद लेते हैं।
2 – बुक बिल्डिंग आईपीओ –
बुक बिल्डिंग आईपीओ में स्टॉक की कीमत 20% बैंड में जारी की जाती है और इच्छुक निवेशक अपनी बोली लगाते हैं। निवेशक शेयरों की संख्या और उसकी कीमत के लिए बोली लगाते हैं ,जो वह भुगतान करना चाहते हैं। यह कंपनी को अंतिम कीमत घोषित होने से पहले निवेशकों के बीच सार्वजनिक पेशकश के लिए रुचि का परीक्षण करने की अनुमति देता है।
प्राइस बैंड के निचले स्तर को फ्लोर प्राइस के रूप में जाना जाता है। तथा ऊपरी लिमिट को कैप प्राइस के रूप में जाना जाता है। शेयरों की कीमत के संबंध में अंतिम निर्णय निवेशकों की बोलियों द्वारा निर्धारित किया जाता है ।
आईपीओ में निवेश करने मैं ध्यान देने वाली बातें
आईपीओ क्या है, इसमें निवेश कैसे करें
1 – आईपीओ में निवेश करने से पहले हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कंपनी द्वारा जो फंड जुटाया जा रहा है ,उसका इस्तेमाल कहां हो रहा है। अगर कंपनी कर्ज के बोझ से दबी है ,तो हमें इसमें निवेश नहीं करना चाहिए ,वरना हमें नुकसान भी हो सकता है।अगर कंपनी कर्ज चुकाने के साथ-साथ अपनी तरक्की के लिए भी इस फंड का इस्तेमाल कर रही है ,तो इसमें निवेश करने पर विचार किया जा सकता है। लेकिन कंपनी पहले अच्छा परफॉर्मेंस कर रही है या नहीं यह जान लेना चाहिए।
2 – हमें यह ध्यान देना चाहिए कि सभी आईपीओ को सफलता नहीं मिलती ,क्योंकि कई आईपीओ असफल भी हो रहे हैं। लेकिन कुछ आईपीओ ने अच्छा प्रदर्शन किया है और निवेशको की संपत्ति बढ़ाई है। इसलिए किसी भी आईपीओ में निवेश करने से पहले उसके बारे में अच्छी तरह से जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए।
3 – हमें किसी भी कंपनी के (डीआरएचपी DRHP ड्राफ्ट रेड हियररिंग प्रोस्पेक्टस )को समझना चाहिए। यह एक ऐसा दस्तावेज है जो सेबी के सामने प्रस्तुत किया जाता है। जिसमें कंपनी की जानकारियां होती है। इसमें कंपनी के बिजनेस ,पास्ट परफॉर्मेंस ,संपत्ति ,देनदारियों और आईपीओ के जारी फंड के इस्तेमाल संबंधित विवरण और संभावित रिस्क फैक्टर्स की जानकारियां होती हैं। इसलिए इस दस्तावेज को पहले पढ़ लेना चाहिए फिर निवेश करना चाहिए।
3 – किसी कंपनी में निवेश करने से पहले हमें ,जो कंपनी को चला रहे हैं ,यानी प्रमोटर और प्रबंधन के अधिकारियों के बारे में पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए। जिससे पता चलता है कि इन प्रमोटेरो ने कंपनी में कितने साल काम किया है और इन के समय में कंपनी ने कितनी ग्रोथ की है। तभी हमे उसमें निवेश करना चाहिए।
4 – हमें कंपनी सेक्टर से संबंधित उस कंपनी की स्थिति ,उसकी बाजार हिस्सेदारी और उसके उत्पादों की पहुंच तथा उसका भौगोलिक प्रसार, विस्तार ,उसकी योजनाएं ,लाभ ,सप्लाई ,वित्तीय संकट से निपटने की क्षमता जैसे फ़ैक्टरो पर भी ध्यान देना चाहिए। इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है ,कि कंपनी भविष्य में ग्रोथ करेगी या नहीं। तभी निवेश करना चाहिए।
5 – किसी भी कंपनी का आईपीओ खरीदने से पहले उसके रिस्क फैक्टर के बारे में जानना जरूरी है। इसे जानने के लिए हमें कंपनी का (डीआरएचपी DRHP ड्राफ्ट रेड हियररिंग प्रोस्पेक्टस ) दस्तावेज पढ़ना जरूरी है। क्योंकि कोई भी कंपनी अपने डीआरएचपी में रिस्क फैक्टर के बारे में जानकारी देती है। जिसे ध्यान से पढ़ना पढ़ना चाहिए। इससे हमें पता चलता है कि कंपनी में निवेश करने से फायदा होगा या फिर नुकसान।
6 – आईपीओ खरीदने से पहले हमें अपनी जोखिम लेने की क्षमता को जानना बहुत जरूरी है। अगर हम किसी आईपीओ को खरीदने के लिए जोखिम उठा सकते हैं और नुकसान की भरपाई करने में सक्षम है ,तभी हमें निवेश करना चाहिए वरना नहीं।
7 – हमें शेयर मार्केट के अच्छे सलाहकारों से सलाह मशवरा करने के बाद और पूरी जानकारी लेने के बाद ही आईपीओ में निवेश करना चाहिए। वरना नुकसान भी हो सकता है।
8 – पहले कंपनी की तुलना बाकी कंपनियों के साथ भी कर लेनी चाहिए।
आईपीओ कैसे लाया जाता है
यदि कोई कंपनी आईपीओ लाने का निर्णय करती है ,तो उसे मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ) के नियमों का पालन करना होता है। इन सब नियमों पर खरा उतरने के लिए कंपनी एक मर्चेंट बैंकर नियुक्त करती है। यह बैंकर SEBI में रजिस्टर्ड होता है और वही आईपीओ से जुड़े सारे दस्तावेज पूरे करके आईपीओ के लिए आवेदन करता है। जब कोई कंपनी आईपीओ लाती है ,तो वह SEBI के पास आवेदन करते समय अपने दस्तावेज भी जमा कराती है। इसे लोग DRHP ड्राफ्ट रेड हेडिंग प्रोस्पेक्टर डीआरएचपी के नाम से भी जानते हैं।
किसी भी कंपनी के आईपीओ का डीआरएचपी उस कंपनी में उसके शेयर धारक ,उसकी वित्तीय हालत ,कंपनी के कामकाज ,कानूनी पचड़े ,कर्ज ,आईपीओ से मिलने वाले पैसे का यूज़ ,जोखिम आदि की जानकारी देता है। SEBI इसका असेसमेंट करती है और अगर सब कुछ सही होता है तभी कंपनी को आईपीओ लाने की अनुमति मिलती है। SEBI से आईपीओ लाने की मंजूरी मिलने के बाद कंपनी अपने शेयरों के लिए बोलियां मंगवाती है। इसमें अलग-अलग तरह के निवेशक जैसे कि रिटेल ,इंस्टीट्यूशनल के लिए अलग-अलग शेयर रिजर्व रखे जाते हैं। किसी भी कंपनी का आईपीओ 3 दिन के लिए खुलता है।
आईपीओ कैसे खरीदे/आईपीओ में कैसे निवेश करें
आईपीओ क्या है, इसमें निवेश कैसे करें अगर कोई आईपीओ में निवेश करना चाहता है ,तो सबसे पहले उसके पास एक डीमैट अकाउंट DEMAT ACCOUNT होना चाहिए। डिमैट अकाउंट आप किसी भी ब्रोकिंग फर्म से खोल सकते हैं। लेकिन एक्सपर्ट्स की राय है कि हमेशा डिमैट अकाउंट एक जानी-मानी ब्रोकिंग फर्म से खोलना चाहिए। अब लोगों को शेयर एलॉटमेंट पेपर फॉर्म में नहीं बल्कि डीमेट फॉर्म में मिलता है। इसलिए आईपीओ में निवेश करने के लिए डीमेट अकाउंट होना बहुत जरूरी है। डीमेट अकाउंट में ही आपके शेयर अलॉट होते हैं।
आईपीओ को इन्वेस्टर्स के लिए 3 से 10 दिनों के लिए खोला जाता है। यानी कि कोई भी आईपीओ जब आता है तो उसे कोई भी इन्वेस्टर 3 से 10 दिनों के अंदर खरीद सकता है। कई कंपनी अपने आईपीओ जारी करने की अवधि केवल 3 दिन भी रखती है और कोई 3 दिन से ज्यादा भी।
इसलिए आप कंपनी की साइट पर जाकर या रजिस्टर्ड ब्रोकरेज के जरिए आईपीओ में इन्वेस्ट कर सकते हैं। अगर आईपीओ फिक्स प्राइस है तो आपको उसी फिक्स प्राइस पर आईपीओ के लिए अप्लाई करना होगा। अगर आईपीओ बुक बिल्डिंग है तो आपको उस बुक बिल्डिंग पर ही बिड लगानी होगी।आईपीओ में निवेश करने के लिए अब आप कोई चेक या कैश पेमेंट नहीं कर सकते हैं। आपके डीमेट अकाउंट से एक खाता लिंक होता है। इसी खाते से आपके आईपीओ के सारे लेनदेन होते हैं। जब तक आप को शेयर अलॉट नहीं हो जाते तब तक खाते में उतनी रकम ब्लॉक रहती है।
हर आईपीओ के लिए कंपनी शेयर का एक इश्यू प्राइस और लौट तय करती है। एक रिटेल इन्वेस्टर एक बार में 2 लाख तक का निवेश आईपीओ में कर सकता है। अगर आपने आईपीओ में निवेश कर दिया तो शेयर का अलॉटमेंट आईपीओ बंद होने के बाद होता है।
आईपीओ बंद होने के बाद सभी बिड्स का एसेसमेंट होता है और अगर कोई भी बिड अवैध होती है, तो शेयर अलॉट नहीं होता। किसी आईपीओ को कुल जारी शेयर के मुकाबले कम शेयरों या उतने ही शेयरों की बोली मिलती है ,तो सभी इन्वेस्टर को उनकी बोली के मुताबिक शेयर अलॉट हो जाते हैं। जब कोई आईपीओ ओवर सब्सक्राइब्ड होता है ,तो शेरों का अलॉटमेंट प्रो-राटा बेस पर होता है। यह आप की बोली से कम भी हो सकता है।
आईपीओ में निवेश करने हेतु जरूरी दस्तावेज
1 – यदि आईपीओ में भाग लेना चाहते हैं ,तो इसके लिए आपको वयस्क होना जरूरी है।
2 – आपके पास आयकर विभाग द्वारा जारी पैन कार्ड होना चाहिए।
3 – आपका एक वैध डीमेटअकाउंट DEMAT ACCOUNT भी होना चाहिए।
4 – अगर आप लिस्टिंग पर शेयरों को बेचना चाहते हैं ,तो ट्रेडिंग अकाउंट की भी जरूरत होगी।
आईपीओ के फायदे व नुकसान
वैसे तो आईपीओ खरीदना या फिर इसमें निवेश करना एक जोखिम भरा काम है। लेकिन जोखिम के साथ-साथ इसके कुछ फायदे और नुकसान है ,जो आगे हम आपको बताने जा रहे हैं।
फायदे – शेयर बाजार में लिक्विडिटी भरपूर होने की वजह से IPO को अच्छा रिस्पॉन्स मिलने की उम्मीद होती है। IPO के जरिए कभी भी शेयर सीधे खरीदे नहीं जा सकते हैं। सबसे पहले आपको बुकिंग करनी होती है। इसमें न केवल कम कीमत पर शेयर मिल जाते है ,बल्कि इन्वेस्ट करने वाले को रिटर्न भी अच्छा मिल जाता है।
अधिकतर कंपनियां IPO के जरिए जुटाए गए पैसों को कई तरीके से इस्तेमाल करती है। इन पैसों का इस्तेमाल बिजनेस बढ़ाने के लिए या फिर नए प्रोडक्ट को लॉन्च करने के लिए भी किया जाता है। कुछ कंपनियों के आईपीओ सफल हो जाते हैं ,तो इन्वेस्टर को फायदा हो जाता है।
नुकसान – जब भी आईपीओ लिस्ट होता है ,तो इस बात की संभावनाएं भी बढ़ जाती है कि, शेयर वैल्यू डबल हो जाएगी। जबकि पहले से ही लिस्टेड शेयर को दो गुना करने में काफी मेहनत लगती है। लेकिन जितना यहां फायदा है उतना नुकसान भी है। क्योंकि जरूरी नहीं है हर बार IPO डबल हो।
कई बार इसके कम रहने की उम्मीद भी होती है।कई बार कुछ कंपनियां असफल भी हो जाती है ,जिससे इन्वेस्टर को नुकसान भी होता है। इसलिए आईपीओ में इन्वेस्ट करने से पहले इसके बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए। उसके बाद ही सोच समझकर ,सलाहकारों की अनुमति से ही इसमें निवेश करना चाहिए।
आईपीओ कैलेंडर 2022
कंपनी के आईपीओ के नाम | दिनांक | साइज | मूल्य |
AGS TRANSACT | 2022 | 680 Cr | 166-175 rs |
ADANI WILMAR | 2022 | 3600 Cr | 218- 230 rs |
LIC | 2022 | – | – |
ESDS SOFTWARE | 2022 | – | – |
GOAIR | 2022 | 3600 Cr | – |
MOBIKWIK | 2022 | 1900 Cr | – |
TRACXN | 2022 | – | – |
SKANRAY TECHNOLOGIES | 2022 | – | |
ESAF SFB | 2022 | 998 Cr | |
RUCHI SOYA | 2022 | – | |
VLCC HEALTH CARE | 2022 | 800 Cr | |
OYO | 2022 | – | – |
Snapdeal | 2022 | – | – |
आने वाले आईपीओ Upcoming IPO के बारे में कैसे जाने :
नए आने वाले आईपीओ के बारे में जानने के लिए सबसे पहले हमें GROWW APP को इंस्टॉल करना है। उसके बाद उसे ओपन करें और उसमें आईपीओ का ऑप्शन मिलेगा।
उस पर क्लिक करें और आपको अपकमिंग आईपीओ की पूरी लिस्ट मिल जाएगी।
इससे आप सभी कंपनियों के आने वाले आईपीओ के बारे में जान सकते हैं और उसकी वैल्यू भी देख सकते हैं। इसके आलावा यदि आप आईपीओ को खरीदना चाहते हैं तो इस ऐप के माध्यम से ही आप इसे खरीद सकते हैं।
Q : आईपीओ की फुल फॉर्म क्या है ?
ANS : इनिशियल पब्लिक आफर (initial public offer)
Q : आईपीओ क्या है ?
ANS : ‘ जब कोई कंपनी अपने स्टॉक या शेयर को पहली बार लोगों के लिए जारी करती है ” तो उसे (आईपीओ IPO ) कहते हैं।
Q : 2022 के आने वाले आईपीओ कौन से हैं ?
ANS : ADANI WILMAR , LIC, MOBIKWIK, RUCHI SOYA, VLCC HEALTH CARE, OYO, Snapdeal
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